धर्म-कर्म: जीते जी मुक्ति मोक्ष प्राप्त करने का पांच नामों वाला मार्ग नामदान देने के एकमात्र अधिकारी, नाम ध्वनि के रूप में कर्मों को काटने का इतना आसान उपाय जिसे कोई भी कभी भी कैसे भी कर के अपनी किसी भी तरह की परेशानी में आराम पा सकता है- ऐसा सरल उपाय बताने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने संदेश में बताया कि जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलने से भी मन इधर-उधर भागने से रुकने लगता है क्योंकि यह वक्त का नाम है, वर्णनात्मक नाम है। गुरु महाराज जैसे सन्त द्वारा जगाया हुआ नाम है। इसमें जो ताकत शक्ति है, यही जान-अनजान में बने बुरे कर्मों को काटती है। मन कर्मों के अनुसार इधर-उधर भागता है। यही तो बुरा काम कराता है। तो फिर मन उधर से हटता है, कमजोर पड़ता है।

लोगों को कर्मों की सजा किस रूप में मिल रही हैं:-

लोगों के कर्म जब बन जाते हैं तो कर्मों की सजा मिलती है। बीमारी के रूप में, टेंशन, रुपया पैसा बरकत न होना, निंदा अपमान आदि के रूप में यह सजा मिलती है। तो कर्म काटने के लिए बराबर आदत डालो। जहां भी रहो जयगुरुदेव नाम की ध्वनि अंदर में बोलते रहो तो भी कोई दिक्कत नहीं।

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