धर्म-कर्म : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, केवल बातों से नहीं बल्कि ठोस योजना बना कर आगे बढ़ने वाले और बढ़ने का सन्देश देने वाले, आम और ख़ास दोनों लोगों को सहज में परमार्थ कमाने का तरीका बताने वाले, प्रेम देशभक्ति और जनसेवा को बढ़ावा देने वाले, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि मैं यह नहीं कहता हूं कि आप जाति धर्म छोड़ दो या अपना विचार भावना पूजा, जिस ग्रंथ के पाठ इबादत में लगे हुऐ हो, उसको छोड़ दो। लेकिन इसके साथ ही जैसे आप अपने लिए, अपने व्यापार, बच्चों परिवार, रिश्तेदार के लिए समय निकालते हैं आप उसी तरह से जनहित जीवहित के काम में, परोपकार के लिए, सुधार के लिए, लोगों की मदद के लिए समय निकालने की जरूरत है।

बिना मार काट के वैचारिक क्रांति से बदलाव आ जायेगा:- 

आप बुद्धिजीवी लोग अपने-अपने तौर तरीके से ही सही, भारत की लुप्त होती पुरानी संस्कृति यदि आप लाने का प्रयास करेंगे तो वह पुनः आ सकती है। मैं अपने लक्ष्य की तरफ़ लगातार लगा हुआ हूं लेकिन आप जैसे बुद्धिजीवी और बच्चे जवान जो सुन रहे हो, अगर साथ दे दोगे तो काम जल्दी हो जाएगा, बगैर विनाश, मार-काट, तीर-तलवार के वैचारिक क्रांति द्वारा काम हो जाएगा, विचारों में परिवर्तन ला करके काम करवा दिया जाएगा। बस थोड़े सहयोग की आवश्यकता है। आप बुद्धिजीवी लोग योजना बनाइये और लागू करिए। हम सहयोग कर सकते हैं। https://youtu.be/bH3J0ucdcHo?t=3241

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