UP : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संचार माध्यमों के कारण सामाजिक बदलावों और युवाओं में विपरीत लिंग के साथ बगैर शादी के रहने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा की, विपरीत लिंग के साथ ओपन रिलेशनशिप की लालच में देश का युवा जीवन बर्बाद कर रहा है। पश्चिमी संस्कृति के अनुकरण से वास्तविक जीवनसाथी नहीं मिल पा रहा है।
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कोर्ट ने कहा कि देश के युवा सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और दिखाई जा रही वेब सीरीज के प्रभाव में अपने जीवन के बारे में सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। युवा पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण करते हुए अपने विपरीत लिंगी के साथ ओपन रिलेशनशिप को तवज्जो दे रहा है। जिसके चलते युवा अपना जीवन बर्बाद कर रहा है। इससे उन्हें कोई सही जीवन साथी नहीं मिल पाता है।
क्या है पूरा मामला :-
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने एक लड़की को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी जय गोविंद उर्फ रामजी यादव की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए की है। इस मामले में याची और पीड़िता के बीच प्रेम संबंध था। याची और सह अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर उसका अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद नशीला पदार्थ खिलाकर उसका बलात्कार किया और वीडियो बना लिया जिससे वह अवसाद में चली गई। नौ जून 2022 को उसका फिर से अपहरण कर लिया गया और उसे बाजार में छोड़ दिया गया। इसके बाद उसने मच्छर भगाने वाली दवा पी ली। अस्पताल में 10 जून 2022 को उसकी मृत्यु हो गई। याची और सहअभियुक्तों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, अपहरण, नशा और हत्या करने का आरोप लगाया गया। झांसी के नवाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई, जांच के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 306, 504 और 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया। याची की ओर से कहा गया कि दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन मृतक के परिवार के सदस्य उनके रास्ते में आ गए। उसके बाद पीड़िता ने दूसरे लड़के के साथ संबंध बना लिया। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आवश्यक तथ्य नहीं हैं। लिहाजा, जमानत मंजूर की जाती है।