धर्म-कर्म : सब जीवों के परम पिता सतपुरुष द्वारा इस मृत्युलोक में दुःख दूर कर अपने निज घर ले चलने के लिए अपनी पूरी पॉवर देकर भेजे गए इस समय के महापुरुष, पूरी मानवता को बचाने में अनवरत लगे, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दु:खहर्ता, दयालु, दीनबंधु उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी ने बताया कि ऊपर (रूहानी मंडलों का) भेद खोलने का आदेश अभी नहीं है।
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इसलिए जहां तक बताने का आदेश है, वह तो आपको बता देता हूं। सत्संग की धारा बह चुकी है, अब ये रुकने वाली नहीं है। प्रचार-प्रसार की व्यवस्था अपने क्षेत्र के अनुसार बना लो और उसके अंतर्गत आप काम करो। बहुत काम है। सतसंग की बातें लोगों को कुछ न कुछ बताते रहो। मन को मोड़ो, उस तरफ लगाओ। https://youtu.be/MNBSn5nM5Ro