धर्म-कर्म : जीवात्मा को जीते जी मुक्ति मोक्ष निर्वाण दिलाने का रास्ता पांच नामों का नामदान देने के इस समय इस धरती पर एकमात्र अधिकारी, प्रभु के बारे में गहरी बात बताने वाले, बुराईयां छुडवाने वाले, आत्म कल्याण करवाने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी ने बताया कि परमात्मा यानी परम आत्मा आज तक इस दुनिया में आया ही नहीं और न आएगा, न कभी मां के पेट में गया और न जाएगा।
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सेवा में लगोगे तो मन साफ रहेगा, भाव-भक्ति आएगी, शरीर निर्मल व स्वस्थ रहेगा और भजन में भी मन लगेगा। सुबह सुमिरन ध्यान भजन कर लोगे तो उस दिन छूटेगा नहीं, नहीं तो मन हटता चला जायेगा। आप भी सुनिए कि बाबा उमाकान्त जी महाराज से नामदान लेने से पहले क्या छोड़ना पड़ता है।