लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र कल से शुरू हो चुका है। कल सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मणिपुर हिंसा, महिला सुरक्षा, बेरोजगारी बढ़ती महंगाई के साथ ही आवारा पशुओं के मुद्दे को प्रमुखता से रखा था। जिसे लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विवादित बयान देकर राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।
उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना, सरकार में जिनकी कोई गिनती तक नहीं है। हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 8, 2023
इस पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को शक्तिहीन बेबस मंत्री बताकर है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा की, उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना, सरकार में जिनकी कोई गिनती तक नहीं है। हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते।
अखिलेश यादव अपनी असलियत से भटक रहे हैं:- मंत्री लक्ष्मी नारायण
आपको बतादें, लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा था की, अखिलेश यादव अपनी असलियत से भटक रहे हैं. ‘उनका’ का काम ही जानवर पालना था। वो अपने पैतृक धंधे को ही भूल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, गाय और भैंस पालना तो उनके पूर्वजों का मुख्य काम था। चूंकि वो मंत्री के घर में पैदा हुए, मुख्यमंत्री के घर में बड़े हुए-आसमान से टपके हैं इसलिए उन्हें बार-बार वही बात याद आती है। उनको तो ये सोचना चाहिए कि उनके पूर्वजों का ये धंधा है। जिस नन्द बाबा के वो वंशज बनते हैं, उनकी तो 9-9 गाय थीं।