धर्म-कर्म : भारत को विश्व गुरु बनाने में, वो स्वर्णिम युग वापस लाने में स्वयं लगने और सबको लगने की प्रेरणा देने वाले, देश सेवा का वास्तविक अर्थ समझा कर जन चेतना जगाने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी ने अरब के एक हाकिम द्वारा वैद्य धन्वन्तरी की परीक्षा लेने के प्रसंग से समझाया कि भारत का स्वर्णिम इतिहास रहा है।

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अब सुभाष जैसे नेता तो खत्म हो गए। महाराज जी ने सुभाष की जापान यात्रा के माध्यम से परोपकार करने के महत्व को समझाया। आप भी सुनिए जीवों को अपने आत्म कल्याण के प्रति जगाने चेताने के लिए पूज्य महाराज जी द्वारा अपनी दिव्य द्रष्टि से किये नरकों का आँखों देखा वर्णन। https://youtu.be/o8JUxytqDWs

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