धर्म कर्म: बाबा जय गुरु देव के उत्तराधिकारी, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने बताया कि बराबर संतसग सुनते रहना चाहिए। यूट्यूब पर अगर सतसंग देखोगे, हाथ में अगर मोबाइल पकड़ोगे तो केवल हाथ की सेवा हो पाएगी, केवल हाथ के कर्म कटेंगे, आंख से देखोगे तो केवल आंख के कटेंगे। और सतसंग कार्यक्रम में आने पर हाथ, पैर, आंख, कान, दिल, दिमाग से जो भी जान-अनजान में कर्म, अपराध बन गए, वह सब कटते हैं।
माया परछाई है। उसकी तरफ जाओगे तो दूर भगेगी और अगर परमार्थ की तरफ बढ़ोगे, भजन, भाव-भक्ति में लगोगे तो आपके पीछे-पीछे फिरेगी। ब्याज परमार्थ का बाधक है। चोरी, जुआ, मुखबरी, ब्याज, घूस, परनारी, जो चाहे दीदार को एती वस्तु निवार। यानी प्रभु प्राप्ति चाहते हो तो इन चीजों को छोड़ो।