Janmashtami 2023: हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
शुभ मुहूर्त …
ज्योतिषों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि 12 बजे हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी पर भगवान की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त रात 12 बजे ही माना जाता है। 7 सितंबर की रात 12 बजते ही आप बाल गोपाल की विधिवत पूजा कर सकते हैं। जन्माष्टमी के व्रत का पारण समय शुक्रवार, 8 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद रहेगा।
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जन्माष्टमी की पूजन विधि …
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह-सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें और पूजा के बाद व्रत का संकल्प लें। आप यह व्रत जलाहार या फलाहार रख सकते हैं। दिनभर सात्विक रहने के बाद मध्यरात्रि को बाल गोपाल की धातु की प्रतिमा किसी पात्र में रखें। उस प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शर्करा और घी से स्नान कराएं। इसे पंचामृत स्नान कहा जाता है। इसके बाद कान्हा को जल से स्नान कराएं। ध्यान रहे कि ये चीजें शंख में डालकर ही अर्पित की जाएंगी। इसके बाद पीताम्बर, पुष्प और माखन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाएं. फिर भगवान को झूले में बैठाकर झुलाएं।