लखनऊ: 4 खानि 84 लाख योनियों में भटकने के बाद जीव को मानव तन मिलता है. इसी पंच भौतिक मानव शरीर से प्रभु की प्राप्ति होती है मनुष्य शरीर देवताओं को भी दुर्लभ है इसको पाने के लिए देवता भी तरसते रहते हैं. यह उदगार बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यत्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकान्त जी महाराज ने अवध शिल्प ग्राम लखनऊ में शिवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित दो दिवसीय सतसंग सुनाते हुए कहा कि यह जीवात्मा इस मत्यु लोक की रहने वाली नही है. सत्य देश की रहने वाली है जिसे फिर वापस अपने देश जाना है लेकिन प्राणी काल माया के देश मे आकर फंस गया और अपना देश, अपने मालिक को भूल गया है, माया की छाया को अपना ही सब कुछ मान लिया है.

सच तो ये है कि सभी को इस नश्वर शरीर को छोड़कर जाना पड़ता है यह सराय खाना है । महाराज जी शाकाहार के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य का भोजन मांस नही है मांस के खाने से मनुष्य का खून बेमेल हो जाता है जिससे लोगों में नई नई बीमारी हो रही है जिनका इलाज डॉक्टरों के पास नही है । सरकार को शराब जैसे बुद्धि नाशक नशे को बंद कर देना चाहिए शराब के नशे में लोगों की बुद्धि पागल हो जाती है लोग अपनी ही माँ बहेन की पहचान नही कर पाते हैं। देश में ज्यादा तर अपराध शराब के पीने के बाद ही होते हैं.

श्रष्टि में अमोलक है मनुष्य शरीर पाना, शराब मांस के सेवन से मनुष्य बन जाता है पशु

महाराज जी ने कहा कि आगे का समय बहुत ही दुखदायी है 2021 पिछले 2020 से ज्यादा खराब है इस खराब समय से बचने के लिए सभी को अपने- अपने घरों में रोज सोने से पहले औऱ सुबह उठने के समय जयगुरूदेव नाम ध्वनि बोलने से फायदा मिलेगा।कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी नागेश्वर दुवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश ही नही देश के विभिन्न प्रान्तों के अनुयायी उपस्थित हुए है इस कार्यक्रम के आयोजको में प्रमुख रूप से बागेश्वर दुवेदी, संतोष सिंह, मंगू लाल, कन्हैया लाल गुप्ता लक्ष्मण सिंह, सुनील दत्त सिंह, श्रवण कुमार सोनकर,पी डी पाण्डेय, आर पी त्रिपाठी, सुभाष गुप्ता, लल्लू वर्मा, कृष्णा नन्द दुवेदी, आलोक माथुर,दीपक श्रीवास्तव ,नितिन सोनकर ,राजेश मौर्या, शशि कांत ,बलवंत सिंह ,सत्य प्रकाश शुक्ला,रामनयन पाल लोग सामिल है।

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