प्रतापगढ़: जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी व आरटीआई एक्टिविस्ट व शम्स तबरेज के द्वारा पिछले दिनों अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद बेल्हा प्रतापगढ़ में जनहित से संबंधित विभिन्न सूचनाएं मांगी गई थीं,परंतु समय से सूचना न मिलने के कारण वादी शम्स तबरेज को मजबूरन माननीय सूचना आयुक्त नरेंद्र श्रीवास्तव के समक्ष हाजिर हो कर आरटीआई ऐक्ट की धारा 18 के तहत् अपील प्रस्तुत करना पड़ा था। माननीय सूचना आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए उपरोक्त प्रकरण में जनसूचना अधिकारी/ अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद प्रतापगढ़ को नोटिस जारी कर संबंधित प्रकरण में उपस्थित होकर वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु आदेशित किया था। परंतु अधिशासी अधिकारी सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के समक्ष ना तो हाज़िर हुए और ना ही अपीलकर्ता को सही वा दुरुस्त सूचनाएं उपलब्ध कराईं।
इस कारण माननीय सूचना आयोग ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए यह कहा कि माननीय आयोग के आदेशों के प्रति जनसूचना अधिकारी/अधिशासी अधिकारी गंभीर नहीं है उनसे यह अपेक्षा संभव नहीं है कि वह भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के नियमों प्रावधानों व आयोग के आदेशों का पालन न करने और अपीलकर्ता को जानबूझकर वांछित सूचनाएं ना उपलब्ध कराए जाने के संबंध में आयोग ने जन सूचना अधिकारी को प्रकरण में शिथिलता बरते जाने का दोषी मानते हुए विपक्षी, जन सूचना अधिकारी/ अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद के विरुद्ध विरोध जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत ₹25000 का जुर्माना व अर्थ दंड अधिरोपित करते हुए वसूली का आदेश पारित किया है।