लखनऊ। केजीएमयू में शिक्षक-रेजीडेंट भर्ती में ‘ईटीवी भारत’ ने घपला उजागर किया। संस्थान में रेजीडेंट भर्ती की जहां साक्षात्कार प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है। वहीं शिक्षक भर्ती में राजभवन ने कुलपति को तलब किया। स्थिति यह है कि गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक कर अगले ही दिन कुलपति-कुलसचिव लंबी छुट्टी पर चले गए। ऐसे में कुछ विभागों के रिजल्ट रुक गए। वहीं नियुक्ति पत्र भी नहीं बंट सकें। इसको लेकर कैंपस में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। केजीएमयू में नेपाल से पास अफसर के बेटे को शिक्षक बना दिया गया। वहीं केजीएमयू से पास, एम्स में कार्यरत मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे ही गलत अनुभव प्रमाण पत्र लगाने वालों को भी नौकरी बांटने का खेल किया गया। साथ ही मेडिकल और दंत संकाय में रेजीडेंट डॉक्टरों के पदों पर चहेतों को बैकडोर से इंट्री देने के लिए तय लिखित परीक्षा हटा दी गई। वहीं आरक्षण रोस्टर को भी दरकिनार कर दिया। शिक्षक भर्ती के परिणाम पर रोक ‘ईटीवी भारत’ ने अफसर, विभागाध्यक्ष, चयन समिति, स्क्रीनिंग समिति की मिली भगत को सिलसिलेवार उजगार किया। इसको लेकर गुरुवार को कुलपति को राजभवन में तलब किया गया। दोपहर बाद अफसरों ने कार्यपरिषद की बैठक की। शुक्रवार को कुलपति-कुलसचिव लंबी छुट्टी पर चले गए। लिहाजा शिक्षक भर्ती ने नियुक्ति पत्र नहीं बंट सकें। वहीं सीएफआर समेत कुछ विभाग में शिक्षक भर्ती का परिणाम रोक दिया गया। कुलपति डॉ. विपिन पुरी और कुलसचिव आशुतोष दुबे को सम्बंधित मसले पर बात करने के लिए और उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया लेकिन। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि “कुलपति 14 मार्च तक अवकाश पर हैं। कुलसचिव भी अवकाश पर हैं। अवकाश के कारणों की जानकारी नहीं है। यह व्यक्तिगत मसला है। मगर संस्थान में सभी कार्य नियमों के मुताबिक होंगे। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होगी।”
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यह है पूरा मामला
केजीएमयू के करीब 43 विभागों में लगभग 230 पदों पर शिक्षक भर्ती चल रही है. महीनों से मेडिकल संकाय में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार चल रहे हैं। इंटरव्यू के लिफाफे एक-एक कर ज्यों-ज्यों खुल रहे हैं। त्यों-त्यों विभिन्न विभागों की नियुक्तियों में कारनामे भी उजागर हो रहे हैं। नव नियुक्त शिक्षिकों के नाम सार्वजनिक होते ही भर्ती विवादों के घेरे में आ गई। सबसे बड़ा धांधली का आरोप प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक भर्ती में लगा। इसमें सरकारी कॉलेज से सुपर स्पेशयलिटी डिग्री हासिल करने वाले मेधावियों को दरकिनार कर दिया गया। वहीं नेपाल से प्राइवेट डिग्री लेकर आए केजीएमयू के एक बड़े अफसर के बेटे को शिक्षक पद पर नियुक्त कर दिया गया है। ऐसे ही रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में शिक्षक भर्ती में एक वरिष्ठ शिक्षक के चहेते को नौकरी देने की बिसात बिछाई गई है। आलम यह है कि दूसरे विभाग का अनुभव लगाने वाले अभ्यर्थी को स्क्रीनिंग कमेटी ने साक्षात्कार के लिए वैध कर परिणाम भी जारी कर दिया। मामले की शिकायत मेरठ के सर्वेन्द्र चौहान ने 1 मार्च को मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की है। 8 मार्च को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने केजीएमयू के रजिस्ट्रार से मामले की रिपोर्ट तलब की।https://gknewslive.com