धर्म कर्म: इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने (हरियाणा) में दिए संदेश में बताया कि गुरु भाइयों का रिश्ता बहुत बड़ा होता है। सगे भाई का तो लेने-देने का रिश्ता होता है लेकिन गुरु भाई तो ऊपर भी मिलते हैं। कोई गुरु भाई गुरु से दया नहीं ले पाया तो रास्ते में जाते हुए ऊपरी लोक में मिलता है। जो गुरु आदेश में लगा रहता है, उसकी यथासंभव मदद करनी चाहिए। गुरु भाई को ठगने वाले अपने आप को ही धोखा देते हैं।

छोटे बनो, सबकी सुनो, सबकी सहो, ये है सन्त मत
छोटे बनो, सबकी सुनो, सबकी सहो, ये है सन्त मत। लोभ लालच में मत पड़ो। झगड़ा में मत पड़ो नहीं तो सेवा नहीं कर पाओगे। आपके प्रारब्ध में जो नहीं होगा और यदि आपमें भाव प्रेम है तो जरूरत पड़ने पर वो भी मिल जाएगा, ये आज भादो पूर्णिमा पर आपको बता रहा हूं। समय से बच्चों की शादी ब्याह कर दो नहीं तो वो भूख और अज्ञानता में गलत निर्णय कर लेते हैं। स्वभाव बहुत देर में छूटता है। व्यभिचारी का कभी मुक्ति मोक्ष नहीं होता। उसे अपने कर्मों की सजा मिलेगी। नरकों में तपते हुए खम्भे से बहुत बार आलिंगन करवाया जाता है। सती सीता ने अपने पति के चरणों के अलावा किसी की तरफ नहीं देखा।

ये सुरत जीवात्मा कुंवारी न रहे। इसका गठबंधन स्वामी से हो जाये। वक़्त के गुरु मनुष्य शरीर में ही रहते हैं। वो कराते हैं। वो सुरत को शब्द के साथ जोड़ देते हैं। सुरत का प्रभु से प्रेम होने पर कुंवारापन खत्म हो जाता है। देवी-देवताओं की नज़र सुंदर सुशील सुरत पर रहती है कि ये हमारी हो जाये। बच्चों का ध्यान नहीं रखोगे तो चाहे गलत रास्ते पर न जाएं, काल के एजेंट के चक्कर में फंस जाएंगे, छूट नहीं पाएंगे।

हर शिष्य का काम होता है कि अपने गुरु को राजी रखे। गुरु राजी तो करता राजी, काल कर्म की चले न बाजी। गुरु आदेश का पालन करने पर वो खुश होते हैं। मोबाइल में गंदी तस्वीरें देखने के बजाय मोबाइल में सतसंग सुनो। जो भजनानंदी नामदानी हो जाएगा उनके बचने की संभावना बन जाएगी। नहीं तो अपने परिवार के प्यारे सदस्यों की बचत काल के सजा से कैसे करोगे? उस मां से पूछो जिसने अपना लाल कोरोना में खो दिया। प्रार्थना पर ही कुदरत रुकी हुई है, नहीं तो वो बहुत नाराज है। मैं और गुरु महाराज भी विनाश नहीं चाहते हैं। सब लोग इस क्वार के महीने में कम से कम 5 नए लोगों को नामदान दिला दो जिससे वो कार्तिक के महीने में काया के अंदर ताकने लग जाएं। शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम समय परिस्थिति अनुकूल होने पर उ. प्र. में होगा।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *