सत्संग उमाकांत जी महाराज: इस काल के देश के अति विचित्र नियमों को और उन सबकी काट को भी जानने वाले, माया के सब जालों से बचाने वाले, प्रभु को खुश करने का तरीका बताने वाले, वक़्त के पूरे सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कुदरत के बरखिलाफ काम करोगे तो कुदरत सजा देगी। सजा देने के लिए तैयार है। अभी आप (आगे) देखो, कितने भूचाल आते हैं, कितने लोग युद्ध में, टेंशन में, आतंकी घटनाओं में मारे जाते हैं। देखे जाओ। कहा गया है- कोई करे अपराध कोई पावे फल भोग, अति विचित्र भगवंत गति जाने न जाने कोय। कर्मों का लेना-देना होता है। जैसा मैंने आपको बताया, अपराध कोई करता है, फल कोई और भोगता है।
साथ का बहुत असर पड़ता है
इस समय लड़ाई चल रही है। उधर उसी लड़ाई में बम फेंका। पता चला कि अस्पतालों में आतंकी छिपे हुए थे, अपराध करने वाले छिपे बैठे हुए थे। अब देखो साथ का कितना असर हुआ। वह किसके साथ रहे? वहां मरीज के साथ, डॉक्टर के साथ, वहां पड़े थे, अड्डा जमाए हुए थे। दुश्मन को पता चल गया और ऊपर से बम छोड़ दिया। वह निर्दोष लोग जो ऐसे ही अस्पतालों में कर्मों की सजा भोग रहे थे, जो अस्पताल में भर्ती थे, वह भी बेचारे (दुनिया से) चले गए।
जो भगवान के बनाए हुए जीवों पर दया करेगा, वही खुदा का प्यारा होगा
प्रकृति के नियम का उल्लंघन करने वालों को प्रकृति सजा देती है। इसलिए तो कहा जाता है कि जीवों पर दया करो, रहम करो। कहा गया- बिस्मिल्ला ए रहमान ए रहीम। रहमान तभी खुश होता है जब उसकी रूहों पर रहम करते हैं। वही खुदा का प्यारा है जो रूहों पर रहम करेगा। इसलिए तो प्रचार में बात कहते हो। समझने वाली बात होती है- रहम करोगे रहमान मिलेगा, दया करोगे भगवान मिलेगा। आपके अंदर दया न हो और भगवान को पाने की इच्छा करो तब तो यह लोहे का चना चबाने जैसा है।