लखनऊ: महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बेघर बच्चों के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. घर से भागे, गुम हो चुके, तस्करी के जाल में फंसे, कामकाजी, बाल भिखारी, नशीले पदार्थों या फिर मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले बच्चों की देखरेख के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आश्रय गृह बनाए जाएंगे. ये आश्रय गृह प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालयों के साथ ही 19 जिले में बनाए जाएंगे. नए आश्रय गृहों की संख्या 35 होगी जिसके लिए विभाग की ओर से 400 करोड़ की धनराशि को प्रस्तावित किया गया है. इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने बीते दिन यानी रविवार को जानकारी दी है.

बच्चों को दी जाएंगी ये सुविधाएं
दरअसल, किराये और राजकीय भवनों में चलाए जा रहे बाल आश्रय भवनों में से ज्यादातर की हालत ठीक नहीं है. जर्जर भवनों, तंग कमरों के साथ ही भवनों में खुली हवा मूलभूत ढांचों की कमी देखी गई जिसके बाद सरकार नए आश्रय स्थलों को बनवाने जा रही है. जहां पर खुले हवादार कमरे तो होंगे ही, इसके साथ साथ योग, व्यायाम, खेलकूद की सुविधाएं भी दी जाएंगी. बागवानी के लिए खुले मैदान उपलब्ध कराए जाएंगे. चाइल्ड केयर होम के साथ ही ऑब्जर्वेशन होम, न्याय बोर्ड और सुप्रीटेंडेंट व वॉर्डन आवास भी बनाए जाएंगे.

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