धर्म कर्म: भविष्य की बात इशारों में बताने वाले, त्रिकालदर्शी, दुखहर्ता, उज्जैन वाले पूरे सन्त सतगुरु, बाबा उमाकान्त महाराज जी ने बताया कि संस्कृत का जानकार, तमिल बोलने वाला रावण प्रकांड विद्वान था। लेकिन शराब पीता, मांस खाता और दुसरे की स्त्री को गलत नजर देखता इसलिए उसका विनाश हुआ। रावण जैसी विनाशकारी प्रवृत्ति अब इस समय पर लोगों की हो रही है। धनी मानी देशों के लोगों की बुद्धि हो रही ख़राब, सब एकदम से लड़ने को हो रहे तैयार। अगर यही प्रवृत्ति बनी रही तो यह सब के सब आपस में ही लड़कर मर जाएंगे, खत्म हो जाएंगे। इसलिए बचो और बचाओ, शाकाहारी नशामुक्त बनो और बनाओ।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *