धर्म कर्म; मनुष्य द्वारा कुदरत के नियमों को निरंतर तोड़ने से नाराज हो चुकी कुदरत के आने वाले जबरदस्त कहर से बचने के लिए शिक्षा देने वाले, दुखहर्ता, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित लाइव सन्देश में बताया कि अभी तक आपसे जो बुरे कर्म बने, उसके लिए प्रभु से माफी मांग लो, कान पकड़ लो, तौबा कर लो, अब गलती नहीं करेंगे। जो जीव हत्या करके या पैसा देकर ही मांस खरीद करके लाये, खाए, आपकी वजह से जीव हत्या हुई, मरी हुई मछली ही आप उठा करके ले लाए, खाए। आप अगर न खाते तो मछली पकड़ने वाले न मछली न पकडते न वो मरती। फिर वह अपनी (कुदरती) मौत मरती। पानी के ऊपर तैरती, गिद्ध और कौवा खाते हैं। गिद्ध और कौवे का भोजन आप ले आए, जो खाए, चाहे पैसा देकर के लाए, चाहे मार करके खाए, तो पाप के भागीदार तो बने ही बने। जीव हत्या तो आपकी वजह से हुई या आपने किया, पाप तो लगा ही लगा।

एक-एक आदमी के ऊपर न जाने कितने जीव हत्या का पाप लद गया

देखो जीव हत्या करने वाले, बकरा काटने वाले, मांस निकालने वाले, बेचने वाले, लाने वाले, बनाने वाले, खाने वाले, खिलाने वाले, सबको बराबर पाप लगता है। तो पाप के भागीदार हो गए। बहुत से लोग जान ही नहीं पाते हैं कि सिर पर इतना पाप लद गया है कि मुंह दिखाने के लायक नहीं रह गए। एक-एक आदमी के ऊपर न जाने कितने जीव हत्या का पाप लद गया है, इस बात को आप नहीं समझ पा रहे हो। आप इसको खेल समझ रहे हो। एक समय ऐसा आएगा जब एक-एक चीज का हिसाब सबको देना पड़ेगा। अपने आप चिल्ला उठागें, मैंने पाप किया, मैंने पाप किया, मुझे मेरे पापों की सजा मिल रही है, या प्रभु या भगवान या अल्लाह तआला या पाक परवार दीगार या मेरे गोड, अब मुझे बचाओ। कुदरत है नाराज खड़ी, आगे मुसीबत बड़ी-बड़ी। जब मुसीबतें आएंगी तो एक मिनट में भगवान याद आएगा, इसलिए पाप को काटना बहुत जरूरी है।

सुबह का भूला शाम को घर वापस आ जाए तो भूला नहीं कहलाता

अब पाप मत करना। भूल में हुई गलती की माफी हो जाती है लेकिन जान करके जो गलती करता है, उसको सख्त सजा मिलती है। चाहे नए हो चाहे पुराने हो, अब गलती मत करना। यह मुख्य संदेश लेकर के (सतसंग से) जाना कि जितने भी नामदानी हैं, चाहे गुरु महाराज के हो, चाहे गुरु महाराज के जाने के बाद जिनको नामदान मिला है, कोई भी शराब मछली अंडे का सेवन नहीं करेंगे, परनारी परपुरुष से बच्चे और बच्चियों, आदमी और औरतों दूर रहेंगे। यह संदेश लोगों को पहुंचाओ।

फोड़े का ऑपरेशन समय पर जरूरी होता है नहीं तो हड्डी काटनी पड़ती है

ख़राब तो लगेगा क्योंकि इसी में घुल-मिल गए हैं, इसी की आदत लोगों को बनती चली जा रही है। लेकिन फोड़े का ऑपरेशन समय पर जरूरी होता है नहीं तो नासूर बन जाता है, हड्डी काटनी पड़ती है। इसलिए इस समय पर यह बहुत जरूरी है।

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