लखनऊ। बदलते मौसम में राजधानी के अस्पतालों की ओपीडी में डायरिया के रोजाना 25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। सिविल अस्पताल, लोहिया, केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 25 से 30 मरीज डायरिया के आ रहे हैं। इनमें महिला, पुरूष, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। बदलते मौसम के अनुसार डायरिया जैसी बीमारी लोगों को हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि, बदलते मौसम में लोग अपने खानपान पर विशेष ख्याल रखें।
सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर एस राव बताया कि डायरिया में पानी की कमी शरीर में बिल्कुल न होने दें ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं साथ ही खान-पान का ख्याल रखें। जब भी मौसम बदलता है तो डायरिया के मरीज बढ़ने लगते हैं। ऐसे में गर्मी के मौसम में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें। रोजाना 2 लीटर पानी जरूर पिएं, ताकि अगर डायरिया हो जाता है तो पानी की कमी न हो। क्योंकि, डायरिया में अगर मरीज को पानी की कमी हो जाती है तो मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में दस्त केवल विशेष चिकित्सा उपचार की आवश्यकता के बिना दो-चार दिनों तक रहता है। हालांकि, गंभीर दस्त आपके जीवन के लिए खतरनाक साबित होता है। डायरिया से पीड़ित मरीज अपने शरीर का तरल पदार्थ खो देता है। कुपोषित शिशु छोटे बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में डायरिया की शिकायत और इसका संक्रमण ज्यादा होने की गुंजाइश रहती है।
डायरिया के लक्षण
- पानी का मल होना
- पेट में ऐंठन देकर दर्द का होना
- उसके बाद मल लगनामन का अजीब सा लगना
- उल्टी जैसा बार-बार लगना या उल्टी होना
- बुखार का चढ़ना और कुछ देर बाद उतर जाना
- शरीर में पानी की कमी होना भूख न लगना
- आंख में और जीभ में सफेदी दिखाई देनाशरीर का सुस्त लगना
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डायरिया के कारण
- डायरिया का इनफेक्शन दूषित पानी और भोजन करने से होता है
- हाथ को न धोना
- बाहर के जंक फूड खाना, जहां पर हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है।
- कम पानी पीना।
डायरिया से बचाव
डायरिया से बचने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है स्वच्छ जल पीना.डायरिया में बच्चे हों या बुजुर्ग सभी को गरम पानी पीना चाहिए। बाहर के खाने जैसे- ठेला पर गोलगप्पा, चाट और पिज्जा खाने से बचें। डायरिया के समय साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। फल या सब्जी को अच्छे से धुलें। सौच के बाद अच्छी तरह से साबुन से हाथ धुलें। भोजन से पहले और भोजन के बाद साबुन से हाथ धुलें। अगर आपको बार-बार बुखार, दस्त या उल्टी आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिले।
यहां आ रहे इतने मरीज
- सिविल अस्पताल 25-30
- लोहिया 20-50
- केजीएमयू 20 से अधिक
- बलरामपुर 15 से अधिकhttps://gknewslive.com