लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मिशन के रूप धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युद्धस्तर पर काम करे हैं। इसी क्रम में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम अभीम) के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में पीएम अभीम योजना के तहत ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में 50 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में 100 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक और स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना की जा रही है।

चार हजार करोड़ से स्वास्थ्य सेवाएं होंगी और मजबूत
योगी सरकार पीएम अभीम योजना के तहत वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में 515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, 75 डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, प्रदेश के 22 जिला चिकित्सालय और 22 मेडिकल कॉलेज में 50 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, 30 जिला चिकित्सालय में 100 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण करेगी। इसके अलावा प्रदेश में 1670 स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण किया जाएगा जबकि 674 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को अपने भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4892.53 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।

आईपीएचएल लैब में माइक्रोबायोलॉजी की हो सकेगी जांच
प्रदेश के सभी 75 जिला अस्पताल में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री (आईपीएचएल) की स्थापना की जा रही है। इन लैब्स में करीब 150 से अधिक प्रकार की जांचें हो सकेंगी। इसके लिए लैब टेक्नीशियन, एक माइक्रोबॉयलॉजिस्ट, एक बायोकेमिस्ट के साथ में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की नियुक्त होगी। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्री लैब से हर जिला अस्पताल में माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सारी जांचें होने लगेगी। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए बड़े और निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मालूम हो कि माइक्रोबायोलॉजी में वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी की जांच होती है।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *