UP: कानपुर देहात के घाटमपुर में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म फिर हत्या के मामले में 3 साल तक चली सुनवाई के बाद कल जिला अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी दम्पति समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता राम रक्षित शर्मा, प्रदीप पांडेय प्रथम व अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि, एक व्यक्ति द्वारा उनकी बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म फिर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पिछले 3 साल की सुनवाई के बाद, कल फैसला आया है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला कानपूर देहात के घाटमपुर के एक गांव का है। गांव में रहने वाले परशुराम (56 वर्ष) और सुनैना (48 वर्ष ) को 19 वर्ष से संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी। संतान प्राप्ति के लिए दोनों ने दवा से लेकर दुवा तक का सहारा लिया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। तभी वे दोनों तंत्र मंत्र के झांसे में आ पड़े। 14 नवम्बर 2020 की शाम जब सभी लोग दीवाली पर अपने घरों में दिये जला रहे थे, तब परशुराम और सुनैना तंत्र मंत्र और मंदिरों के चक्कर काट रहें थें। इस दौरान, एक तांत्रिक ने उनसे किसी बच्ची का कलेजा निकालकर खाने से संतान पैदा होने की बात कही। इस पर दंपती ने अपने भतीजे अंकुल को रुपये देकर कलेजे का इंतजाम करने को कहा था।

भतीजे ने दिया इस वीभत्स कांड को अंजाम…
इस पर अंकुल ने अपने दोस्त वीरेन के साथ मिलकर गाँव में खेल रही 7 साल की बच्ची को अगवा कर मासूम के साथ दुष्कर्म किया, फिर हत्या कर शव से हृदय, फेफड़े, जिगर, आतें निकाल कर शव को खेत में फेंक कर फरार हो गए। तंत्रिक के कहने पर बच्ची की हत्या कर दम्पत्ति ने शव के कलेजे को खा लिया। वहीँ, दूसरी ओर खेत ,में दीपक जलाने आए ग्रामीणों की नजर जब शव पर पड़ी तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए। ग्रामीदों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब शव को देखा तो वह भी हैरान रह गए क्योंकि शव में सिर्फ रीड़ की हड्डी ही बची थी। जिसके चलते उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा था। तभी बच्ची के शव के पास से डॉग स्क्वायड टीम का कुत्ता गांव का चक्कर लगाते हुए हत्यारे अंकुल के घर ले गया। इसके बाद ही पुलिस ने दंपती परशुराम व सुनैना के भतीजे अंकुल को गिरफ्तार किया था। सख्ती से पूछताछ के बाद अंकुल ने पूरी कहानी उगल दी थी।

पीड़ित परिवार ने मांगी थी फांसी…

विशेष लोक अभियोजक राम रक्षित शर्मा, प्रदीप पांडे व अजय कुमार त्रिपाठी ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने परशुराम व सुनैना को हत्या व षड्यंत्र में उम्रकैद व 20-20 हजार रुपये जुर्माना, और अंकुल चमार उर्फ हूला व वीरन को पॉक्सो एक्ट, हत्या, सबूत मिटाने के जुर्म ने जीवन की अंतिम सांस तक के लिए सजा और 45-45 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

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