धर्म कर्म: वक्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने गिर सोमनाथ में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि सूरत में सतसंग व नामदान कार्यक्रम प्रस्तावित है। बराबर कार्यक्रम में लगा हुआ हूं, करता ही रहता हूं। आप लोग थोड़ा सहयोग करोगे तो गुरु महाराज का नाम-काम और जल्दी आगे बढ़ जाएगा।
हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा, बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में अनेकानेक आश्रम हो गए
उज्जैन में है, सबसे पहले आश्रम वही बनाया गया था। उसके बाद सूरत, नवसारी में भी हो गया। अन्य प्रांतों में भी, महाराष्ट्र में भी कई आश्रम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में 20-22 आश्रम हो गए। हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा, बंगाल, राजस्थान आदि सब जगह आश्रम हो गए। लेकिन सबसे मुख्य आश्रम गुरु महाराज की दया से उज्जैन में ही बना है। वहां कार्यक्रम होते रहते हैं। इधर से लोग जाते हैं। होली, दिवाली, नए साल और गुरु महाराज का हिंदी तिथि के अनुसार भंडारा के कार्यक्रम वहीं पर होते हैं। कभी आप आएईगा आश्रम, अच्छा रहेगा। वहां सतसंग भी मिल जाएगा, जो भी पूजन या गुरु महाराज की दया का लाभ आपको मिल जाएगा, आप लोग प्रोग्राम बनाइएगा।
बावल में बाबा जयगुरुदेव जी का बड़ा मंदिर बन रहा
देखो गुरु महाराज का चिह्न मंदिर भी बन रहा है। गुरु महाराज ने अपने गुरु के याद में मथुरा में मंदिर बनाया था। उसमें गुजरात के लोगों का काफी सहयोग रहा। मेरी भी इच्छा थी कि गुरु महाराज का वहीं पर मंदिर बने लेकिन बात नहीं बनी। जो लोग वहां रहते हैं, कुछ लोगों को वहां नहीं भाया। प्रेमियों की यह इच्छा हुई कि गुरु महाराज का एक चिन्ह बन जाए। वैसे तो जगह-जगह प्रेमी बना रहे हैं। छोटे-छोटे जहां-जहां आश्रम है, सब जगह मंदिर बने हुए हैं। लेकिन एक बड़ा मंदिर बवाल, जिला रेवाड़ी, हरियाणा में बन रहा है। वहां से थोड़ी दूर दिल्ली का बॉर्डर शुरू हो जाता है और इधर से राजस्थान का बॉर्डर शुरू होता है। आपके (गुजरात) भी नजदीक है। लोगों ने कहा बावल में बनाया जाए। जमीन वहां खरीद ली गई थी। वहां पर बन रहा है। जमीन से ऊपर आ गया। समय थोड़ा लगा। एक साल हुआ, नीचे से मजबूती देने में समय लग गया। इंजीनियर बता रहे, ऊपर आने में देर नहीं लगेगी, जल्दी बन जाएगा, जल्दी सामने खड़ा हो जाएगा, दिखने लगेगा। कभी आपको उधर आने का मौका मिले या वहां कोई कार्यक्रम हो, वहां भी आप आइएगा, दर्शन दीजिएगा।