AYODHYA RAM MANDIR: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राम मंदिर के उद्घाटन की खुशी जाहिर करते हुए अपने संघर्षों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि, रामलला अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं।  ऐसे में मुझे कितना आनंद है, वो कोई दूसरा महसूस नहीं कर सकता। रामलला के मंदिर उद्घाटन की लड़ाई महज कुछ सालों की लड़ाई नहीं है, बल्कि 500 सालों का संघर्ष है। जब मंदिर टूटा होगा तब न जाने कितने लोगों की जाने गई होंगी।

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उमा भारती ने मंदिर बचाने के लिए जेल में बिताये दिनों को याद करते हुए कहा- जब मुझे गिरफ्तार किया गया तो मुझे मेरे जेल में चक्की पीसने की कोई तकलीफ नहीं हुई। वहां हम बड़े ही आराम से रहते थे। कष्ट इस बात का था कि, हम जिन्दा क्यों रह गये। जेल में जब मैं जल-अन्न त्याग कर देती थीं, तब जेल के अन्य स्टाफ भी जल-अन्न ग्रहण नहीं करते थे। राम मंदिर के निर्माण होने की खुशी के साथ-साथ दुःख इस बात का है कि, जब कारसेवक शहीद हो रहे थे, तब मैं भी क्यों नहीं शहीद हो गईं। साथ ही उन्होंने जिन भी राज्यों में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक लगाई थी उनपर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा-जिन राज्यों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक लगाई है, वो पापी हैं।

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