धर्म-कर्म: पूरे समरथ सन्त, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि मेरी 75 साल की उम्र हो गई, बराबर लगा हुआ हूं। आप लोग भी अगर लगोगे तो जल्दी काम हो जाएगा, बहुत से जीवों की जान बच जाएगी नहीं तो अकाल मृत्यु में चले जाएंगे। क्योंकि आगे समय बहुत खराब आ रहा है। इतना खराब समय आ रहा है कि उसका अंदाजा किसी को नहीं है। कहावत है- गरीबी में आटा गीला होना। ऐसे जब तकलीफें आती हैं तो तकलीफों का अंबार लग जाता है। क्योंकि प्रकृति भगवान के खिलाफ बहुत लोग काम कर रहे, मांसाहार कर रहे हैं। तो कुदरत भारी सजा देगी। इतिहास साक्षी है कि राम-कृष्ण की बात न मानने पर भारी जन-धन की हानि हुई। इसलिए कह रहा हूँ, समझा-मना के, हाथ जोड़ के, जिनको आप बचा सकते हो, बचा लो।

इतिहास साक्षी है राम-कृष्ण की बात न मानने पर भारी जनधन की हानि हुई:- 

बाबा जी ने कहा कि, अभी तो बचा लो, जिनको आप बचा सकते हो, समझा करके मना करके, हाथ जोड़ करके। जिस प्रकार भगवान राम, कृष्ण भगवान के कहने पर कौरव नहीं माने तो 18 दिन के अंदर 11 अक्षौहिणी सेना खत्म हो गई, 56 करोड़ यदुवंशी खत्म हो गए। एक लाख पूत सवा लाख नाती, ता रावण घर दिया न बाती। एक भी नहीं बचे, सब खत्म हो गए। नहीं मानेंगे तो तुम्हारे साथ भी यही होगा। लेकिन मना लो, अभी थोड़ा समय है। अपने भी कर्म काट लो आपका भी काम बन जाएगा उनका भी काम बन जाएगा।

बाबा उमाकान्त जी महाराज के अनमोल वचन:-

कुदरती कहर से बचने के लिए शाकाहारी, सदाचारी, नशामुक्त बनो और बनाओ। पीपल, एलोवेरा, तुलसी, नीम, मनी प्लांट, एरिका पाम, क्रिसमस कैक्टस, स्नेक ट्री, आरेंज जरबेरा, आर्किड इन पौधो को लगाइये, ये रात-दिन ऑक्सीजन देते हैं। देश भक्ति महान भक्ति है। गुरु में पूर्ण विश्वास ही सफलता की कुंजी है। ऐसी परेशानियां आएंगी कि आदमी पागल की तरह से व्यवहार करने लगेगा, होश आने पर खुदा, भगवान को याद तो करेगा लेकिन तब तक बचत के उपाय में बहुत देर हो जाएगी।

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