धर्म कर्म: दुःखहर्ता सन्त उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आप जो कार्यकर्ता काफी दिनों से सेवा, प्रचार कर रहे हो, गुरु के बताए रास्ते पर चल रहे हो, आपको इस बात का अनुभव हुआ होगा। जब आपका अहंकार गया होगा, जब आप किसी मामले में निराश हो गए, तब उस समस्या को सुलझाने का कोई न कोई विकल्प, रास्ता गुरु कृपा से हो गया होगा। उसमें जब स्वार्थ परता नहीं रही होगी, आपका परमार्थी भाव रहा होगा तब वह मदद करते हैं। किसी न किसी रूप में गुरु मदद करते हैं। गुरु, हाड़-मांस का शरीर नहीं होते। अंतर में जब गुरु का रूप आप देख लोगे तब आप समझ जाओगे कि गुरु शरीर से तो चले गए लेकिन आज भी आपके अंग-संग हैं। गुरु महाराज जो मिशन छोड़कर के गए, इस मिशन को, आप सब लोग प्रेम से योजना बनाकर के, इसमें लगो। जीवन का जो एक-एक क्षण निकला जा रहा है, इसका आप उपयोग कर लीजिए, अच्छे काम में लगा दीजिए। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो परोपकार कर सकता है।
जिम्मेदारी गुरु की कब हो जाती है
भूखे प्यासे बिना वस्त्र वाले को खिला, पिला, पहना देना, भटके को रास्ता बता देना, यह परमार्थ का काम है। जानवर इस काम को नहीं कर सकते। प्रभु ने आपको मनुष्य शरीर दिया है। आपका हाथ-पैर, दिल-दिमाग ठीक-ठाक चल रहा है, आपको परोपकार करने का मौका मिला है। परोपकार में समय निकालो। बच्चे और बच्चियो! गुरु के मिशन को आगे बढ़ाओ। आपसे जुड़े हुए लोग चाहे औरत, पति, बच्चे, रिश्तेदार, सास-ससुर, माता-पिता उन सबकी जिम्मेदारी गुरु की हो जाएगी, वह उनकी देखरेख करेंगे। पुराने लोगों के पास बैठो, वह सब बताएंगे कि कितना-कितना चमत्कार हुआ है। जो काम वह कभी भी नहीं कर सकते थे, उनका वो काम भी हो गया। लेकिन कब? जब गुरु के आदेश में लगे तब। दस जीवों को सुधाकर उनकी जान को बचाया तब आशीर्वाद मिला, फल मिला। ये गृहस्थी तो अपने आप चलती है, चल रही है। इसलिए आप सब इन बातों को ध्यान रख करके, अपनी योजना बना लो। सब लोग प्रेम से एक योजना, नियम बना लो, नियम का पालन करो और आगे बढ़ो।
अगर चूक गए तो समय निकल जाएगा
आज एक बात बता करके जा रहा हूं। अगर आप लोग चूक गए, छोटी चीज पाने के चक्कर में रह गए तो बड़ी चीज छूट जाएगी। और बड़ी चीज और भी दूर होती चली जाएगी। जमीन की चीज ही उठाने में अगर आप लग जाओगे तो जो फल ऊपर आपको मिलने वाला है, जैसे नीचे गुठली उठाने में लग गया तो कोई ऊपर का फल कोई तोड़ ले जाएगा कि नहीं? तो यदि आप गुठली को उठाने में लग जाओ तो फिर आप फल कहां से पाओगे? ऐसे ही आपका समय निकल जाएगा। अभी आपके पास मौका है।