धर्म कर्म: आज पूरे विश्व में बाबा जय गुरुदेव के भक्त मुक्ति दिवस को बड़े ही धूम-धाम के साथ मना रहे है। बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने सतसंग व नाम दान कार्यक्रम में बताया कि, एक समय ऐसा आया था जब तानाशाह सरकार ने गुरु महाराज को जेल में बंद कर दिया था। मनुष्य शरीर में रहने वाले वक्त के महापुरुष विश्व के मसीहा बाबा जयगुरुदेव जी महाराज यानी अपने गुरु महाराज को वो लोग समझ नहीं पा रहे थे, और उन्हें जेल में बंद करके तमाम तरह की यातनाए दे रहे थे। 23 मार्च को गुरुदेव जेल से रिहा हुए थे। इसके बाद से ही सभी गुरु भक्त देशभर में इस दिन को मुक्ति दिवस के रूप में मनाते हैं। बाबा जयगुरूदेव दिल्ली तिहाड़ जेल से 23 मार्च 1977 को मुक्त हुए थे। आज 48 वां मुक्ति दिवस गुरू भक्तों द्वारा मनाया जा रहा है।
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आपको बतादें कि, इस दिन सुबह 6 से 8 बजे के बीच सभी गुरु भक्त अपने-अपने घरों पर सफेद कपड़े पर लाल रंग से लिखा हुआ जयगुरुदेव नाम का झंड़ा फहराते है, साथ ही दोपहर तक व्रत रखते हुए ध्यान भजन सुमिरन सतसंग कर लोगों को शाकाहार, नशामुक्त रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
कर्म नहीं कटेंगे तो मुक्ति हो पाना मुश्किल:-
अपनी जीवात्मा की मुक्ति तो सब चाहेंगे लेकिन दूसरे की भी आत्मा मुक्त हो जाए आप लोगों को इस बारे में भी सोंचना है। कुछ कर्म पिछले जन्मों के, कुछ इस जन्म में जान-अनजान में, माहौल खराब होने के कारण, कलयुग का असर होने के कारण, शरीर के अंगों से बन गए हैं। इन कर्मों की भी मुक्ति हो जाए, और यह भी कट जाएं। इसके लिए जरुरी है कि आप गुरु से, गुरु के वचनों से, गुरु के सतसंग से जुड़ें और शाकाहार, नशामुक्त रहें।