उत्तर प्रदेश में जब से योगी बाबा की सरकार आयी है तभी से प्रदेशभर के गुंडे माफियाओं का चैन और सुकून चला गया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार को उत्तर प्रदेश में 7 साल पूरे हो चुके हैं और इन 7 सालों में नामी माफियाओ का या तो एनकाउंटर हो गया है या फिर उन्होंने खुद को महफूज रखने के लिए जेल जाना ही उचित समझा। योगी की सरकार आने के पहले भी बदमाशों में यही डर था कि अगर बाबा की सरकार आ गयी तो उनका आतंक ख़त्म हो जायेगा और हुआ भी ऐसा ही. तमाम माफिया भू माफिया इनामी बदमाश योगी सरकार में या तो अपना आतंक का रास्ता बदल चुके हैं या फिर योगी बाबा के कथन के अनुसार मिट्टी में मिलाये जा चुके हैं.
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आपको बताते चलें कि, बाबा की 7 साल की सरकार में 195 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं और लगभग 6000 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए हैं और प्रदेश स्तर पर 68 माफिया और उनके गैंग के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. जिनमे विकास दुबे, अतीक अहमद और हाल ही में मृत्यु को प्राप्त हुआ माफिया मुख्तार अंसारी शामिल है. विकास दुबे और अतीक अहमद की मौत के बाद जनता के बीच यह गहमागहमी थी कि अब मुख्तार अंसारी का भी समय पूरा होने वाला है लेकिन मुख्तार अंसारी की मौत गाड़ी पलटने या किसी शूटआउट में नहीं हुई. यह एक सामान्य दिल के दौरे की घटना थी जिससे मुख्तार की मौत हो गयी. हालांकि विपक्ष मुख्तार की मौत का जिम्मेदार भी भाजपा और योगी को मान रहा है और यह आरोप लगाया जा रहा है कि मुख्तार को खाने में धीमा जहर दिया जा रहा था जिससे उसकी तबियत बिगड़ी और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गयी. इन बातों में कितनी सच्चाई है कितनी नहीं यह जांच का विषय है लेकिन एक बात तो तय है कि योगी बाबा की सरकार माफियाओं के लिए काल बनकर आयी है और बाबा की सरकार में प्रदेश आतंक मुक्त प्रदेश बना है.