Parenting: आजकल लोग अपना ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल फोन और लैपटॉप पर ही व्यतीत करते हैं। क्योंकि लोगों का काम और उनका सारा शेड्यूल सब कुछ लैपटॉप और मोबाइल से ही हो जाता है। इसलिए वे अपना ज्यादा टाइम फोन स्क्रीन या लैपटॉप स्क्रीन पर ही बिताते है।और यह एडिक्शन आजकल हर उम्र के लोगों में देखा गया है, लेकिन अगर यहीं हम बात करें बच्चों की तो उनमें स्क्रीन की लत काफी ज्यादा देखी जा रही है। क्योंकि अधिकतर पैरेंट अपने बिजी शेड्यूल के कारण बच्चों को ऐसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स थमा देते हैं जिससे बच्चों पर काफी असर पड़ता है।वहीं एक वक्त के बाद ये बुरी आदत में तब्दील हो जाती है. जानिए क्यों अपने बच्चों को इससे दूर रखना है जरूरी ?
वहीं एक रिसर्च के अनुसार डॉ. मनन वोहरा ने अपने इंस्टाग्राम पर चौंकाने बात बताई है. उन्होंने बताया है कि अगर आपके बच्चों को भी, फोन या लैपटॉप से दिनभर चिपके रहने की आदत है तो,आपको अब सतर्क होने की जरूरत है। क्योंकि 3 साल की उम्र से पहले अगर कोई भी बच्चा ज्यादा फोन स्क्रीन से चिपका रहता है या ज्यादा यूज करता है, तो इससे बच्चे की डेवलपमेंट बहुत देरी से होती है। इसका मतलब है कि आपका बच्चा अपने हमउम्र साथियों की तुलना में अपनी पर्सनल एक्टिविटीज में पिछड़ सकता है। इसी के साथ डॉ. मनन ने ये भी कहा की “रिसर्च में बताया गया है को जो बच्चे दिन में दो घंटे से अधिक समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं, उनमें भाषा के साथ ही साथ ज्ञान और सामाजिक-भावनात्मक विकास जैसी चीजों में देरी होने की आशंका अधिक होती है. बच्चों की डेवलपमेंट के साथ ही साथ उन्हें बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
ऐसे में पैरेंट्स को क्या करना चाहिए ?
ज्यादा फोन और लैपटॉप पे बच्चों की स्क्रीन टाइम होने के कारण बच्चों पर इसका बहुत बुरा असर देखने को मिल रहा है। और अब माता-पिता का इस पर एक्शन लेने का वक्त है. उन्हें अपने बच्चों को बाहरी खेल और फिजिकल एक्टिविटीज करने की सलाह देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें बच्चों को एक लिमिट के अनुसार ही फोन या लैपटॉप पर समय बिताने के लिए स्क्रीन टाइम लिमिट को तय करना चाहिए ताकि उन्हें ज्यादा समस्याओं का सामना न करना पड़े। उन्हें ज्यादा से ज्यादा अल्टरनेटिव एक्टिविटीज को बढ़ावा देना चाहिए ताकि जिससे उनका क्रिएटिविटी, इमैजिनेशन और सोशल इंटरेक्शन बेहतर हो सके ।