Delhi: इतनी जद्दोजहद के बाद आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से आज जमानत मिल गई है. आपको बताते चलें कि पिछली कई तारीखों से केजरीवाल के वकीलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की गुहार लगायी जा रही थी. कोर्ट ने आज 10 मई को इन तमाम याचिकाओं पर अपना अंतिम फैसला सुनाया और केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश पारित कर दिया.

आपको बताते चलें की कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अभी अरविन्द केजरीवाल शराब नीति मामले में आरोपी हैं और उन पर केस चल रहा है इसलिए वे अपना मुख्यमंत्री पद नहीं संभाल सकते। केजरीवाल को सिर्फ आम आदमी पार्टी के लिए देश भर में कहीं भी प्रचार करने की छूट मिली है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर गुप्ता वाली इस पीठ ने आज अंतिम फैसला देने से पहले यह संकेत दिए थे कि, केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने पर सोंच विचार किया जा सकता है.

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ED को सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बिलकुल भी पसंद नहीं आया. ED सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में यह दलील पेश की कि कोर्ट के इस फैसले से जनता में गलत सन्देश जायेगा। कानून सभी के लिए एक सामान होना चाहिए फिर चाहे वो राजनेता हो या आम आदमी। यदि केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलती है तो इससे एक गलत मिसाल कायम होगी.

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