धर्म-कर्म : इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज जी ने बताया कि सन्तों ने शोध करके एक ही जन्म में पार होने का रास्ता निकाल दिया और मदद भी करने लग गए। जो बिलकुल मेहनत न करना चाहे उसकी कोई कैसे मदद करेगा। सोने का अभिनय करने वाले को कैसे उठाया जा सकता है? जान कर अगर आप आगे नहीं बढना चाहोगे तो कैसे बढ़ पाओगे। जिनको नामदान मिल गया, आप सब लोग इस बात को याद रखो कि भजन ध्यान सुमिरन, यह जो तीन क्रिया बताई गई है, इसको करते रहना है। यह बड़ा पापी मन है। यह अच्छा काम जल्दी नहीं करने देता है। लेकिन जब मन के ऊपर काबू पा लेते हैं, मन के कहने पर जब शरीर को नहीं चलाते हैं तब यह रुकने लग जाता है और भजन में जब यह मन लगने लग जाता है तब खूब (भजन) करवाता है। साथ का असर होता है। संगत से गुण होते हैं, संगत ही गुण जाये, बास फांस और मिश्री, एक्के भाव बिकाये। जैसे मिश्री में रस्सी धागा पड़ा रहता है, वो भी मिश्री के ही भाव बिक जाता है। ऐसे साथ का असर होता है। तो बुरे के साथ से बचना, बुराई से बचाना।

दूसरी औरतों से संबंध रखने वाले का मुक्ति मोक्ष नहीं होता है:- 

व्यसनी धन नहीं, शुभ गति व्यभिचारी। जो व्यभिचार करता है, अपनी औरत के अलावा दूसरी औरत से संबंध रखता है, उसको मुक्ति-मोक्ष नहीं मिलता है। तो आपको यह बात याद रखनी है कि व्यसन से दूर रहना है। कोई भी नशा ऐसा नहीं करना है जिससे आपकी आदत खराब हो क्योंकि आपको तो भजन करना है। आपको तो एक नेक अच्छा व्यक्ति बनना है। लेकिन अभी ज्यादा रोक-टोक किया जाए तो कहोगे बाबा के यहां कौन जाए, बाबा तो सब छुड़ाई दे रहे हैं। इतने दिन की नशा पत्ती, जो कोई भी नहीं मना करता है, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटका भी छुड़वा रहे हैं। अभी तक तो केवल शराब गांजा भांग छुड़वा रहे थे, अब तो ये भी छुड़ा दे रहे हैं। यही उज्जैन में बंगाली बाबू है। लोग प्रचार में गए, बंगाली लोगों के यहाँ। तो बताया हम जयगुरुदेव आश्रम से आए हैं। बंगाली बोले, उसका हमको कोई संदेश नहीं सुनना है। वह तो हमारा मछली छुड़ा दे रहा है। वह तो कहता है मछली मत खाओ। तो ऐसे ही बहुत से लोग बिचक जाते हैं। तो धीरे-धीरे छूटता है। छूट जाएगा। चलो ठीक है, बीड़ी पीते हो, पी लो, तंबाकू खाते हो, खा लो लेकिन गुटखा? गुटका उसमें क्या पड़ता है? यह नहीं मालूम है। उससे दूर रहो। बीड़ी तंबाकू पत्ती है, साधारण वाली तो भी गनीमत थी लेकिन यह जो केमिकल बन करके आ गई, यही कैंसर, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, पैदा करता है। तो इनसे दूर रहना चाहिए। लेकिन ऐसा नशा जिससे आदमी होश में न रहे, उसका सेवन मत करना। मुसलमान की किताबों में लिखा है कि एक कतरा भी शराब का अगर जिस्म पर पड़ जाए तो उसको काट करके फेंख देना चाहिए। बहुत ही खराब चीज है शराब।

बराबर सतसंग की बातों को बताना चाहिए:-

सतसंग सुना जाए और समझा जाए। न समझ में आवे तो समझने की कोशिश किया जाए। जो लोग समझ चुके हैं, उनसे पूछा जाए। और जो लोग सतसंग समझ जाते हैं, उसको आपको एक-दूसरे को बताने की जरूरत है कि यह बातें बताई गई है। देखो जब आप गुरु का ध्यान करके, मतलब की बात आप लोगों को बताने लगोगे तो यह सारी बातें आपको याद आ जाएगी। तो बराबर सतसंग की बातों को बताना चाहिए।

 

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