लखनऊ। राजधानी लखनऊ की मड़ियांव पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है, जो सरेराह लोगों से लूट की वारदातों को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाया करते थे। इन बदमाशों की आए दिन पुलिस को सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। जिसके बाद ही अधिकारियों ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए सभी थानों पर आदेश दिए थे। इस पर पुलिस ने भिटौली चौराहे के पास से कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान आरोपी युवकों के पास से लूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद किया गया था। तभी उनकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए बदमाश गिरोह बनाकर अलग-अलग स्थानों पर जाकर राहगीरों को अकेला देखकर उनसे लूट की वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते थे। राहगीरों से लूटे हुए मोबाइल फोन को यह बदमाश कम दामों पर अपनी मजबूरी दिखाते हुए लोगों को बेच दिया करते थे। इन बदमाशों के द्वारा जो नए मोबाइल फोन होते थे। उनको दुकानों पर बेच दिया जाता था। लूट के मोबाइल को बेचकर उससे मिले रुपयों को अपनी शाहखर्ची के इस्तेमाल पर किया करते थे। डीसीपी उत्तरी रईस अख्तर का कहना है कि पकड़े गए शातिर लुटेरों द्वारा अलग-अलग इलाकों में गिरोह बनाकर राहगीरों को निशाना बनाया जाता था। इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार हुए आरोपी में एक नाबालिग भी शामिल है, जिसको बाल अपचारी संरक्षण में भेज दिया गया है। उन्होंने आरोपियों की पहचान सतीश शर्मा, सुधीर राजपूत, पीयूष यादव उर्फ अनुभव यादव, अभिषेक मिश्रा उर्फ शरद मिश्रा, प्रदीप कुमार, मोहम्मद अरशद, आशीष वर्मा, रफीक सिद्दीकी समेत एक नाबालिग के रूप में कराई है। उन्होंने कहा कि इन आरोपियों के पास से लूटे हुए भारी मात्रा में मोबाइल फोन को भी बरामद किया गया है।https://gknewslive.com

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