Varanasi: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले काशी के मूर्धन्य विद्वान पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित गुरुजी लम्बी बिमारी के बाद आज परम सायुज्य को प्राप्त हो गए। काशी के मूर्धन्य वैदिक श्रौत-स्मार्त कर्मकाण्ड विशेषज्ञ साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित के निधन से सनातनी जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
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लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकली और मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया गया। आचार्य लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी। इनके ही आचार्यत्व मे विगत 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी।
देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2024
पीएम मोदी ने जताई संवेदना:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित के निधन का दुःखद समाचार मिला। दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख:-
काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।
संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 22, 2024