हिमाचल: इन दिनों मानसून अपना कहर बरसा रहा है। मानसून की इस भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तबाही मचा रखी है। जहां पहाड़ दरकने से वहां रह रहे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। ये मानसून इन राज्यों के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत बन बैठा है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन ने मचाया तबाही
मानसून की भारी बारिश से कई स्थानों पर हो रहे भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश में तहस-नहस की स्थिति बना रखी हैं। ये हालात सिर्फ हिमाचल में ही नहीं, बल्कि कुल्लू-मनाली, शिमला और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर भी भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिल रही हैं, जिसके चलते घूमने आ रहे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भूस्खलन के चलते सड़कों पर भारी मलबा जमा हो जाने से आवागमन की स्थिति पूरी तरह से ठप हो गई है।
बाढ़ से प्रभावित लोगों को कंगना ने दी सात्वना
ऐसे में हैरानी की बात तो ये है कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बाढ़ आ गई है, इस बाढ़ के चलते हिमाचल वासियों का जीवन बुरी तरह से मुसीबतों में फंसता नजर आ रहा है। जहां न खाने की व्यवस्था और न पीने की, ऐसी मुसीबतों को झेल रहे यहां के निवासियों ने मदद की गुहार लगाई है। इस बीच हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत आज हिमाचल के प्रभावित इलाकों में दौरे पर जा पहुंची। जहां पहुंचकर वहां के बद से बत्तर स्थिति का जायजा लिया और आपदा से प्रभावित हुए लोगों को गले लगाकर सांत्वना दिया।
बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात के दौरान कंगना ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा औऱ कहा कि पिछली बार आपदा से प्रभावित विस्थापितों के लिए केंद्र से 1800 करोड़ रुपए का पैकेज भेजा गया। लेकिन मौजूदा सरकार ने उन्हें यह वितरित नहीं किया। मंडी सांसद ने कहा कि ये राज्य सरकार की अमानवीय करतूत है। इनके दिल में दय या भाव नही है। लोग अपने हाथों से पुल बना रहे हैं।
चलाया जा रहा रेस्क्यू अभियान
जानकारी के मुताबिक हिमाचल में बादल फटने से अस्त-व्यस्त हुए जनजीवन के बीच आपदा के छठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बता दें इस संकट जैसी आपदा में 16 लोगों की मौत हो चुकी है, और कई लोग 38 लोग लापता है, जिसकी खोजबीन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।