UP: लखनऊ के गुडंबा इलाके के चक गांव से 7 अगस्त को लापता हुए दुर्गेश यादव की हत्या कर दी गई, जिसका कंकाल आज सुबह बाराबंकी के फतेहपुर में जंगल से बरामद किया गया। मृतक की पहचान परिजनों ने कंकाल के पास पड़े कपड़े और चप्पल से की है। फतेहपुर पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दुर्गेश के परिजनों का आरोप है कि उसका देवा की एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसके चलते गांव के एक युवक और युवती ने मिलकर उसकी हत्या की।
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दुर्गेश के पिता, ठाकुर प्रसाद ने बताया कि 7 अगस्त को किसी का फोन आने पर दुर्गेश घर से यह कहकर निकला था कि वह थोड़ी देर में वापस आ जाएगा। लेकिन देर रात तक नहीं लौटा, जब उससे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उसका फोन बंद मिला। अगले दिन परिवार ने काफी तलाश की, लेकिन कोई खबर नहीं मिली। 15 अगस्त को गुडंबा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसकी तलाश के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
जांच के दौरान परिवार को पता चला कि दुर्गेश गांव के ही मनीष रावत के साथ उसकी बाइक पर देवा में एक लड़की से मिलने गया था। पुलिस ने मनीष और युवती से पूछताछ की, जिसमें मनीष ने स्वीकार किया कि, वह दुर्गेश के साथ जंगल गया था, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इंस्पेक्टर गुडंबा, नितीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि, मामले की जांच सभी पहलुओं पर की जा रही है, मनीष, युवती और अन्य संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ की गई है। उन्होंने जांच में लापरवाही के आरोपों को गलत बताया है।