सुल्तानपुर: उत्तर-प्रदेश के सुल्तानपुर में स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) के साथ हुई मुठभेड़ में इनामी बदमाश मंगेश यादव ढेर हो गया। दरअसल, पांच बदमाशों ने सुल्तानपुर नगर कोतवाली के सर्राफा व्यापारी ओम आर्नामेंट की दुकान में डकैती डालने की साजिश रची थी, जिन्होंने एक साथ मिलकर बीते 28 अगस्त को दिनदहाड़े इस वारदात को अंजाम दिया था। जहां से करीब एक करोड़ 40 लाख की ज्वेलरी औऱ नगदी की लूटपाट कर बेखौफ बदमाश हथियार लहराते हुए मौके से भाग निकले।
पुलिस मुठभेड़ में आरोपी मंगेश की मौत
डकैती मामले की भनक लगते ही एसटीएफ ने देहात कोतवाली के मिशिरपुर पुरैना गांव की घेराबंदी कर आरोपी मंगेश यादव को पकड़ लिया। खुद को बचान के खातिर मंगेश ने एसटीएफ पर तोबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। तभी पुलिस और आरोपी के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसकी जवाबी कार्रवाई में मंगेश को अचानक गोली लग गई। आनन-फानन में उसे अस्पताल लाया गया, जहां इलाज से पहले ही उसकी मौत हो गई।
मृतक मंगेश पर था एक लाख का इनाम
आपको बता दें, मृतक मंगेश यादव जौनपुर का निवासी है। जिस पर एक लाख रुपये का इनाम था। जिसके पास से एक हेलमेट और बिना नंबर की मोटरसायकिल बरामद की गई है।वहीं, मंगेश के तीन साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब ये मामला राजनीति तूल पकड़ने लगा है। बता दें, अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा औऱ आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘जाति’ देखकर जान ली गई है।
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
वहीं अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, ऐसा लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, क्योकि, नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर उसे सरेंडर करा दिया गया। तो वहीं बाकियों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी के लिए गोली मार दी गई।