धर्म कर्म: वक़्त गुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देश को आजाद कराने वाले, कुर्बानी देने वाले गांधी जी ने नहीं सोचा था कि हमारे सत्य और अहिंसा के मिशन को आगे लोग खत्म कर देंगे- सच्चाई को लोग अपना ले, सत्यवादी बन जाए, हिंसा से दूर हो जाए, हिंसा हत्या न हो ताकि सच्चिदानंद उनकी मदद करने लग जाए। आज वही चीज बढ़ती चली जा रही है।
इस काम को करने वाले रक्षक ही ध्यान नहीं दे रहे
चिराग तले अंधेरा वाली बात है। लेकिन अगर हम और आप प्रस्ताव पास कर लें, संकल्प बना लें की अपने-अपने स्तर से यह संदेश देंगे, लोगों को शाकाहारी नशा मुक्त बनाएंगे तो प्रेमियों काम हो जाए, गांधी जी का सपना पूरा हो जाए। लोग सत्यवादी, हिंसा-हत्या से दूर हो जाए, सबके अंदर मानवता, एकता आ जाए, मानव-मानव के दिल में प्रेम की जगह बना ले।
कुछ समय बाद मांसाहार बिल्कुल हो जायेगा बंद
गांधी जी की आत्मा की शांति के लिए देश के रहनुमा, शासन प्रशासन वालों को भी गांधी जी के सिद्धांत को अपनाना चाहिए। लेकिन हम और आप तो अपना ही सकते हैं। हमारी वह लोग सुने, चाहे न सुने लेकिन आप लोग तो सुन सकते हो। आप लोग सुनो, समझो और इसको लागू करो। और अगर यह लोग नहीं करेंगे, आप देख लेना, कुछ समय के बाद मांसाहार बिल्कुल बंद हो जाएगा। पहले देश में बंद होगा फिर दुनिया में बंद होगा। अगर हम-आप कामयाब हो गए, समझाने से लोग खुद छोड़ देंगे नहीं तो ऐसी स्थिति आएगी कि यह शासन प्रशासन वाले खुद छोड़ेंगे और लोगों को जबरदस्ती छुड़वाएँगे। अगर यह लोग नहीं कर पाए तो कुदरत का बड़ा लंबा हाथ होता है। हम तो देवताओं की अदालत में पास करा लेंगे और हो जाएगा। देवी-देवता बंद करा देंगे। ऐसा समय आ जाएगा कि आदमी इंसान इसको छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएगा। फिर गांधी जी का सपना पूरा होगा। गांधी जी ही नहीं, जो सन्त महात्मा आए, उनका भी सपना पूरा हो जाएगा।
होने को तो चुटकी बजाने में काम हो जाए लेकिन मरेंगे बहुत
होने को तो चुटकी बजाने में हो जाए, बहुत जल्दी हो सकता है लेकिन विनाश बहुत होगा, मरेंगे बहुत जो हम नहीं चाहते हैं, गुरु महाराज भी नहीं चाहते इसलिए वक्त समय दे रहे हैं। जो देवता नाराज हैं, उनसे कह रहे हैं कि ठहर जाओ, एक मौका दे दो, इनको समझ लेने दो, यह मान जाएंगे, यह अबोध, अज्ञानी है, इनको कोई बताने वाला नहीं मिला, ठीक से समझाने वाला नहीं मिला, थोड़ा समय दे दो। मान जाओ नहीं नहीं तो बच्चा तेरा कचूमर निकल जाएगा।
हम चाहते हैं शांतिपूर्वक हो जाए काम, इसलिए हाथ जोड़ रहा हूं, मना रहा हूं
हाथ जोड़कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी। मान जाएंगे तो ठीक है नहीं तो कुदरत सबका हिसाब करती है। कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ता है, कोई बच नहीं सकता।बोलो जयगुरुदेव।