UP By Election: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई हैं, और चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, कांग्रेस अब किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

सपा और कांग्रेस का गठबंधन
सपा ने उपचुनाव में 10 विधानसभा सीटों में से खैर और गाजियाबाद की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ रखी थीं। हालांकि, कांग्रेस अब इन दोनों सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि पार्टी को इन सीटों पर जीत की उम्मीद नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना चाहती है।

सीटों का समझौता
कांग्रेस ने सपा से पांच सीटों की मांग की थी, लेकिन बात नहीं बनी। सपा महज दो सीटें देने को तैयार थी। कांग्रेस ने उन सीटों की मांग की थी जहां भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन सपा ने इस पर सहमति नहीं जताई।

चुनावी रणनीति
अब कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि वह यूपी उपचुनाव में भाग नहीं लेगी और सपा को बाहर से समर्थन देगी। पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके पीछे की वजह यह है कि उपचुनाव में हार से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हो सकता है।

कांग्रेस की कुर्बानी
कांग्रेस कमजोर स्थिति में होने के चलते चुनाव हारने से बचना चाहती है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार कुर्बानी देने की बारी कांग्रेस की है, ताकि गठबंधन को भी बनाए रखा जा सके। हालांकि, इस संबंध में अभी तक सपा या कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। जल्द ही कांग्रेस पार्टी इस संबंध में घोषणा कर सकती है।

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