धर्म-कर्म: स्पष्ट कहकर जीवन बर्बाद होने से बचाने वाले, प्रभु की दया कृपा दिलाने वाले, इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि बच्चे और बच्चियों की शादी ब्याह समय से कर दो। उनको अपनी तरफ से खोजना न पड़े क्योंकि वह तो रूप-रंग, धन-दौलत पर चले जाते हैं। फिर निभता नहीं है क्योंकि अगर रूप-रंग पर कोई मोहित है और फिर कोई बात हो गई, कोई बीमारी तकलीफ आ गई तो वो उसको फिर पसंद करेगा? चाहे लड़का हो, चाहे लड़की हो, छोड़ कर चले जाते हैं। धन-दौलत का कुछ कहा नहीं जा सकता है। आज है, कल नहीं रहेगा। यह तो बाढ़ का पानी है। जब लक्ष्मी अच्छी जगह खर्च होती है तो रुकी रहती है। और अगर कहीं गलत जगह पर खर्च हो गई (तो चली जाती है)। धन खत्म हो गया तो जो धन के लोभ में शादी किया था, वो ब्याह नहीं निभेगा, तलाक के मुकदमे चालू हो जाते हैं। दहेज के मुकदमे में जेल जाना पड़ जाता है। तो ऐसा क्यों हो? तो आप बच्चे-बच्चियों की शादी समय से कर दो।

जीव हत्या का पाप भोगना ही पड़ता है:-

लाशों पे लाशों का होगा नजारा, सुनते तो जाओ संदेश हमारा। मनुष्य बहुत जीव हत्या, हिंसा-हत्या कर रहा है, इंसानियत को भूल गया। गुमान में आकर के यह नहीं सोचता है कि हमारे इन कर्मों को भी कोई देख रहा है। वह तो सोचता है कि भगवान तो अंधा है। लेकिन भगवान खुदा कभी अंधा नहीं हो सकता। वो तो सब देखता है। उसके कैमरे से कोई बच नहीं सकता है। तो कर्मों की सजा तो मिलेगी। इसलिए कर्म को सुधार लो। सब लोग मिलकर के पहले अपना-अपना कर्म सुधारो, अपने परिवार वालों का कर्म सुधारो, प्रचार-प्रसार करो। लोगों के कर्म अच्छे हो जाएं, लोग ईश्वरवादी शाकाहारी नशामुक्त हो जाए।

साप्ताहिक सतसंग जगह-जगह पर कायम करो और लाभ पाओ:- 

रोज न इक्ट्ठा हो पाओ‌ तो हफ्ते में एक दिन इकट्ठा होकर के साप्ताहिक सतसंग में ध्यान-भजन कर लिया करो। वहां गुरु की चर्चा कर लो, प्रभु की महिमा को गा लो। मनुष्य शरीर के बारे में, भजन ध्यान सुमिरन के बारे में लोगों को बता दो। इसीलिए तो गुरु महाराज भी आदेश दिए थे और अब भी आप लोगों से कहा जा रहा है कि साप्ताहिक सतसंग जगह-जगह पर कायम करो। उसमें नए लोग भी आने लगे। बुलाने का, बैठाने का, सुमिरन ध्यान भजन समझाने का, करने का, कराने का- सबका लाभ मिलता है। इसलिए सब प्रेमी, आप एक-दूसरे को बुलाओ, बैठाओ, सुमरिन ध्यान भजन समझाओ, कराओ, जो असली चीज है। असली चीज को कभी भी मत छोड़ो। नकल को मत पकड़ो। जो काम आने वाली चीज नहीं है, उसको मत पकड़ो। जो आपके यहां भी काम आवे और वहां भी काम आवे, उसे पकड़ो। भ्रम में डालने वाले मिल जाते हैं। हाथी पर बैठा दिए गए तो समझो की बकरी, गधे पर नहीं बैठना है।

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