Prayagraj : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संतों के बीच बृहस्पतिवार को दो गुटों में मतभेद इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई। इस घटना से वहां अफरातफरी मच गई। दरअसल, दारागंज स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की। इसी के साथ दारागंज के श्री पंचायती अखाड़ा निर्मोही में भी महंत राजेंद्र दास की अध्यक्षता में एक अन्य बैठक का आयोजन किया गया। दोनों बैठकों के दौरान संतों के बीच कहासुनी हुई, जो धीरे-धीरे मारपीट में बदल गई। इससे वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया।
भूमि आवंटन के मुद्दे पर विवाद:-
अखाड़ा परिषद के दोनों गुट भूमि आवंटन की मांग को लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का कुछ अन्य संतों से विवाद हो गया, जो मारपीट में तब्दील हो गया। इसके चलते मेला कार्यालय में भी अफरातफरी का माहौल बन गया। जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया।
लंबे समय से चल रही खींचतान:-
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद को लेकर संतों के इन दो गुटों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों गुट अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए साधुओं और अखाड़ों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरा गुट अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के रूप में रवींद्र गिरि को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है। इसके साथ ही, दूसरे गुट ने शाही स्नान और पेशवाई जैसे मुगलकालीन शब्दों को बदलकर कुंभ छावनी प्रवेश और कुंभ अमृत स्नान जैसे नामों का प्रस्ताव दिया है।