Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। इस बीच, राज्य की भाजपा सरकार में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है।
एनपीपी का आरोप:-
एनपीपी ने रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार राज्य में शांति बहाल करने और संकट के समाधान में पूरी तरह विफल रही है। हालांकि, एनपीपी के समर्थन वापसी से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है।
जिरीबाम में हिंसा और विरोध:-
जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के बाद हालात और बिगड़ गए। 16 नवंबर को आक्रोशित भीड़ ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला किया। इसके बाद पूरे क्षेत्र में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। रविवार को जब मृतकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो एक बार फिर से तनाव बढ़ा। गुस्साई भीड़ ने जिरीबाम में कई राजनीतिक दलों के कार्यालयों को जला दिया।
पुलिस की कार्रवाई:-
वहीँ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हिंसा में शामिल 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से हथियार, गोला-बारूद व मोबाइल फोन बरामद किए हैं। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें 15 से अधिक लोग घायल हुए।
आदिवासी समुदाय पर हमले:-
कुकी-जो जनजाति के प्रमुख संगठन स्वदेशी जनजातीय नेताओं के मंच (ITLF) के अनुसार, शनिवार रात जिरीबाम में 5 चर्च, एक स्कूल, एक पेट्रोल पंप और आदिवासियों के 14 घरों को जला दिया गया। जिसके बाद माहौल शांत करने के लिए राज्य और केंद्र की संयुक्त सुरक्षा टीम, जिसमें सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस शामिल हैं, ने राजधानी इंफाल और अन्य इलाकों में फ्लैग मार्च किया। वहीँ अब भाजपा के 19 विधायकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने की मांग की है।
AFSPA का पुनः लागू होना:-
मालूम हो कि, मणिपुर सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) हटाने की मांग की थी। लेकिन इसे हटाया नहीं गया। हिंसा को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी नागपुर रैली रद्द कर दी और दिल्ली लौट आए। हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) प्रमुख अनीश दयाल को मणिपुर भेजा गया है। मणिपुर में जारी हिंसा, विरोध और राजनीतिक अस्थिरता ने राज्य की स्थिति को गंभीर बना दिया है। जनता में असंतोष और सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई तैनाती के बीच, समाधान की उम्मीद फिलहाल कम नजर आ रही है।