लखनऊ: पूरे देश में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा हुआ है. महामारी रूप धारण कर लिया है आये दिन हज़ारों लोगों की मौत होती है इस महामारी से. कोरोना के इस संकट में जहां बहुत से लोग दवाओं और अन्य जरूरी सामान को कई गुना ऊंचे दामों पर बेचकर मानवता को दागदार करने का काम कर रहे हैं.वहीं महाराष्ट्र के कोल्हापुर में ऑटो चलाने वाले जितेंद्र सिंह इसे मानव मात्र की सेवा का अवसर मानकर हर दिन औसतन 40 जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचाकर अपने मां बाप की सेवा न कर पाने का मलाल कम कर रहे हैं.
जितेंद्र शिंदे का फोन दिनभर घनघनाता है. कहीं किसी को अस्पताल जाना है तो जितेंद्र उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाते हैं, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी दूर जाना पड़े, मरीज ठीक हो जाए तो उसे खुशी-खुशी उसके घर भी पहुंचाते हैं.
बदकिस्मती से कोरोना से पीड़ित किसी मरीज की मौत हो जाए और उसकी मृत देह को शमशान पहुंचाने वाला कोई न हो तो जितेंद्र उसे उसके अंतिम पड़ाव तक भी ले जाते हैं और उसके धर्म के अनुसार उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था करते हैं. यही नहीं प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने और उनकी घर वापसी में मदद के काम में भी जितेंद्र बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.