धर्म-कर्म: खैराबाद सीतापुर में बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने एक दिवसीय सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह मनुष्य शरीर वेश कीमती अमोलक है इस शरीर को पाने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं इसी मानव शरीर से ही प्रभु मालिक मिलता है। आगे उन्होंने कहा हम सब जीवात्मा जिस देश के रहने वाली हैं उस देश में सुख ही सुख है वहां कोई दुःखी नहीं है वहां सदैव अमृत की बरसात होती रहती है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह संसार ही नश्वर है यहां पर कोई चीज स्थिर नहीं है इस संसार से सभी को जाना है लोग माया की छाया में इस तरह खोए हैं और अपने मालिक अपने प्रभु अपने वतन को ही भुला दिया और इस माया रुपी छाया को ही अपना सब कुछ मान लिया हकीकत और सच्चाई तो यह है कि इसी पंच भौतिक शरीर से ही वह प्रभु मालिक मिलता है चार खान 84 लाख योनियों में प्रभु की प्राप्ति नहीं होती है ,केवल मानव शरीर ही एक मात्र ऐसा शरीर है जिससे मुक्ति मोक्ष की प्राप्ति, जन्म मरण से छुटकारा पाया जा सकता है।
महाराज जी ने गुरु महिमा के बारे में बताते हुए कहा की सभी ने गुरु किया रामकृष्ण भगवान ने भी गुरु किया। जिस तरह भौतिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमको आपको गुरु की जरूरत पड़ती है ठीक उसी तरह आध्यात्मिक शिक्षा मुक्ति मोक्ष प्राप्त करने के लिए समय के गुरु की आवश्यकता होती है इसलिए सभी को समय सद्गुरु की खोज करनी चाहिए उनसे नामदान , दीक्षा लेकर उनके द्वारा बताए हुए रास्ते पर चलकर प्रभु को पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शराब पापों की जननी है ज्यादातर अपराध शराब के नशे में लोग करते हैं इसलिए सभी को शुद्ध शाकाहारी यानी शराब और मांस का परित्याग करना चाहिए, आजकल जो घरों में लड़ाई झगड़ा , टेंशन बना हुआ है उससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने उपाय बताया कि जय गुरुदेव नाम ध्वनि रोज बोलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आनंद प्रकाश अवस्थी असर्फी लाल शर्मा परसादी लाल मौर्य धर्मूलाल पाल ओम कुमार मिश्रा भोपराम जुगल किशोर शर्मा तामेश्वर दयाल सहित हजारों पुरुष महिलाएं शामिल हुई