Kumbh Sadhvi Harsha Richariya: सोशल मीडिया पर प्रयागराज महाकुंभ के दौरान एक साध्वी के भेष में युवती की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनका नाम हर्षा रिछारिया है। हर्षा रिछारिया निरंजनी अखाड़े की शिष्या हैं और उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया। हर्षा का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ और बाद में वे भोपाल में बस गईं, जहां उनके माता-पिता रहते हैं। उन्होंने मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में काम किया, लेकिन उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब वे अध्यात्म की ओर आकर्षित हुईं और उत्तराखंड की वादियों में साधना करने गईं।
हर्षा ने बताया कि दो साल पहले उनकी मुलाकात महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि से हुई, जिन्होंने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। वे अब अध्यात्म और सनातन धर्म की गहराइयों को समझने में लगी हैं। उनका मानना है कि भक्ति और साधना की कोई उम्र नहीं होती, और जब गुरु की कृपा होती है, तो इंसान धर्म के रास्ते पर चल पड़ता है।
रील की दुनिया से साधना तक का सफर
हर्षा ने रील्स के माध्यम से धर्म और संस्कृति का प्रचार करना शुरू किया, लेकिन अब उनका उद्देश्य साधना के जरिए लोगों को जागरूक करना है। वे कहती हैं कि उनका साध्वी बनने का सफर अभी शुरू हुआ है और वे गुरु के आदेश का इंतजार कर रही हैं, क्योंकि उन्होंने अभी तक साध्वी की दीक्षा नहीं ली है।
ग्लैमर और डांस से जुड़ी अपनी पुरानी रील्स को लेकर हर्षा का कहना है कि ट्रोलिंग को उन्होंने सकारात्मक रूप से लिया है। वे मानती हैं कि इससे यह संदेश जाता है कि कैसे एक इंसान अपने जीवन में बदलाव ला सकता है और विभिन्न चरणों से गुजर सकता है।
हर्षा के गुरु ने उन्हें गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियां निभाने की सलाह दी है, हालांकि वे संन्यास लेने की इच्छा रखती थीं। वे अभी धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं और ग्लैमर की दुनिया में लौटने का कोई इरादा नहीं रखतीं। उनके परिवार ने उनकी अध्यात्मिक यात्रा का समर्थन किया है, और हर्षा अपने साधना में पूरी तरह से व्यस्त हैं।