Mahakumbh 2025: आज सुबह प्रयागराज कुम्भ में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के संत अमृत स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़े। इस समय तक लगभग 80 लाख श्रद्धालु मेला क्षेत्र में प्रवेश कर चुके थे और संगम अपर मार्ग से होते हुए संगम की ओर तेजी से बढ़ रहे थे। इस दौरान स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि संगम नोज टावर नंबर एक से लगभग 100 मीटर पहले ही श्रद्धालुओं ने अखाड़ा मार्ग की बैरिकेडिंग तोड़ दी और अंदर प्रवेश कर गए। यह देखकर प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए। जिसके बाद ईटीबीपी के जवानों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सुरक्षा घेरा बनाया और स्थिति को नियंत्रित किया।

बैरिकेडिंग को भीड़ ने तोड़ा:-
संगम पर उमड़े श्रद्धालुओं के जनसैलाब के सामने अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बनाए गए मार्ग की बैरिकेडिंग टिक नहीं पाई। टावर नंबर एक के पास से संगम नोज तक करीब 10 स्थानों पर बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ आगे बढ़ती गई। श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग से आगे बढ़कर संगम नोज के घाट पर पहुंचे और स्नान किया। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों के पांव छूकर आशीर्वाद लिया। साधु-संतों ने भी श्रद्धालुओं को निराश नहीं किया और आशीर्वाद दिया।

भीड़ नियंत्रण के लिए घुड़सवार पुलिस तैनात:-
अमृत स्नान के दौरान संगम घाट और अखाड़ा मार्ग पर भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। पुलिसकर्मियों की मदद के लिए घुड़सवार पुलिस को तैनात किया गया। अमेरिकन ब्रीड के घोड़े जैसे जैकी, शाहीन और दारा ने भीड़ को नियंत्रित करने में मदद की। मकर संक्रांति के दौरान पांटून पुलों पर भीड़ इतनी अधिक हो गई कि कुछ श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर पीपा पुल के नीचे से निकलने लगे। हालांकि, किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

संगम नोज पर स्नान की प्राथमिकता:-
13 और 14 जनवरी को अमृत स्नान के दौरान चार करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इनमें से अधिकांश ने संगम नोज को प्राथमिकता दी। प्रशासन के अनुसार, संगम नोज पर प्रति घंटे तीन लाख से अधिक लोग स्नान कर रहे थे। संगम नोज की क्षमता को बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग ने 85 दिनों में 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया। इस क्षेत्र में अस्थायी घाट बनाए गए, जिससे एक घंटे में तीन लाख तक लोग स्नान कर सके।

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