Lucknow: बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में पुलिस राज स्थापित होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था के नाम पर दमनकारी नीति अपनाई जा रही है। इसके तहत गरीब, मजलूम, बेसहारा और मेहनतकश लोगों को बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाला जा रहा है, जो चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल मामलों को भी आपराधिक केस की तरह लिया जा रहा है और विरोधियों का दमन किया जा रहा है। मायावती ने राज्य सरकार से अपील की कि वह संवैधानिक जिम्मेदारियों को गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ निभाए। वह गुरुवार को लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रही थीं।

मायावती ने कहा कि यूपी में सत्ता में बैठे लोगों के अपराधों को नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या इसी से कानून व्यवस्था में सुधार होगा? प्रशासन और पुलिस का रवैया ज्यादातर मामलों में राजनीतिक, सांप्रदायिक और जातिवादी बना हुआ है। इससे जनता में यह धारणा बन रही है कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति के लिए पुलिस और प्रशासन का गलत इस्तेमाल कर रही है। बैठक में उन्होंने संगठन के कार्यों की समीक्षा की और कार्यकर्ताओं से बसपा को तन, मन और धन से मजबूत करने की अपील की।

भाजपा और कांग्रेस पर निशाना:-
मायावती ने बुधवार को अपने जन्मदिन पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा जैसे जातिवादी दल बसपा को खत्म करना चाहते हैं। मायावती ने कहा कि जिस दिन जनता कांग्रेस और भाजपा के वादों की राजनीति को समझ जाएगी, उस दिन बसपा फिर से मजबूत होकर उभरेगी।

उन्होंने दिल्ली में होने वाले चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि बसपा इस बार अपने दम पर बेहतर प्रदर्शन करेगी, बशर्ते चुनाव में धांधली न हो। उन्होंने कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियां चुनाव के दौरान लुभावने वादे और गारंटी देती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें पूरा नहीं करतीं। मायावती ने दिल्ली में यूपी और बिहार के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने का भी आरोप लगाया और लोगों से सोच-समझकर मतदान करने की अपील की।

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