Delhi Assembly Election 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दिल्ली के मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने यमुना नदी की गंभीर स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और इसे उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों, जैसे मथुरा, वृंदावन, और आगरा के लिए संकट का कारण बताया।
योगी ने अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, “जब मैं गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आ रहा था, तो यमुना जी से सीवर जैसी बदबू आ रही थी। यह वही यमुना है, जो कभी हमारी आस्था का प्रतीक थी, और अब उसे इस हालत में पहुंचा दिया गया है।”
उज्ज्वल भविष्य के लिए दिल्ली की राष्ट्रवादी और विकास प्रिय जनता का अपार समर्थन भाजपा के साथ है।
विकासपुरी विधान सभा क्षेत्र की जनता को संबोधित कर रहा हूं… https://t.co/xt6IiQA2hb
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 28, 2025
यमुना नदी और दिल्ली सरकार की लापरवाही
योगी आदित्यनाथ ने यमुना नदी की बिगड़ी हुई स्थिति को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लापरवाही का नतीजा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में जो नीतियाँ बनाई हैं, उनका असर अब उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर पड़ रहा है। उनके मुताबिक, यह केवल यमुना नदी की पवित्रता के नुकसान की बात नहीं है, बल्कि मथुरा, वृंदावन, आगरा जैसे शहरों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
धार्मिक आस्था और पर्यावरणीय संकट
योगी का कहना था कि दिल्ली सरकार की नीतियों ने यमुना नदी को एक सीवर जैसी स्थिति में पहुंचा दिया है। नदी की जलवायु और पवित्रता को नुकसान पहुंचने से न सिर्फ श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति पर भी असर डाल रहा है। यमुना नदी की स्थिति, जो कभी हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक मानी जाती थी, आज गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना कर रही है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली सरकार की नीतियों को उत्तर प्रदेश के लिए नुकसानदेह बताया। उन्होंने कहा कि धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं को अब यमुना नदी की गंदगी के कारण भारी परेशानी हो रही है। हालांकि, यह बयान सीधे तौर पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की ओर इशारा करता है, जिसमें दिल्ली सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार के बीच एक दूरगामी विवाद की झलक मिलती है।