Weather: ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ते प्रदूषण के कारण मौसम में अप्रत्याशित बदलाव आ रहे हैं। जनवरी का मौसम अब फरवरी और मार्च जैसा महसूस हो रहा है। इस महीने में सामान्य रूप से छह से सात पश्चिमी विक्षोभ बनने चाहिए थे, हालांकि केवल दो ही बने हैं, जिससे ठंड के बावजूद गर्मी का अहसास हो रहा है। इसी के चलते इस बार फरवरी और मार्च के भी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक गर्म रहने की संभावना जताई जा रही है।

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19 जनवरी के बाद से मौसम में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। जब ठंड का समय होना चाहिए, तब तापमान 25 डिग्री तक पहुंच गया है। दिन में तेज धूप है, लेकिन सुबह और शाम ठंडक बनी हुई है। यदि पश्चिमी विक्षोभ का निर्माण नहीं हुआ, तो फरवरी का महीना भी इसी प्रकार गर्म रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री और न्यूनतम 8.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ डॉ. यूपी शाही के अनुसार, जनवरी का इतना गर्म होना चिंताजनक है। आने वाले दिनों में इसका असर स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। मंगलवार को तापमान सामान्य से छह-सात डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया। यदि यही स्थिति बनी रही, तो आगे और अधिक दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं।

घटती बारिश का प्रभाव:-
विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल बारिश की मात्रा घट रही है, जिसका असर सर्दी पर भी पड़ रहा है। सर्दी के मौसम में बारिश बहुत आवश्यक होती है, लेकिन पिछले एक दशक में इसमें भारी गिरावट देखी गई है। वहीं, इस साल अक्टूबर और नवंबर में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण बढ़ा, लेकिन बाद में मौसम में बदलाव आया और प्रदूषण का प्रभाव कुछ हद तक कम हुआ।

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