लखनऊ। आजमगढ़ जेल में बंद प्रदीप सिंह कबूतरा की संपत्ति जब्त करने की कवायद शुरू हो गई है। प्रदीप सिंह पर मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में शूटरों की मदद करने का आरोप है। लखनऊ पुलिस के शिकंजा कसने के बाद इसकी कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। शासन की संस्तुति पर आजमगढ़ पुलिस ने राजस्व विभाग की मदद से सम्पति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही प्रदीप पर गैंगस्टर लगाने की कवायद भी की जा रही है।

कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर के मुताबिक, प्रदीप सिंह कबूतरा आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र का रहने वाला है। इसके गांव का नाम उतरा है। इसका शराब का बड़ा कारोबार है। पुलिस की छापेमारी में यहां काफी बड़ी मात्रा में शराब भी बरामद हुई थी। बीते 6 जनवरी को अजीत सिंह की लखनऊ के विभूतिखण्ड थाना क्षेत्र में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस केस की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक आरोपी छोटा गिरधारी मुठभेड़ में मारा गया। बाकी अधिकतर आरोपियों ने पुलिस को चकमा देकर समर्पण कर दिया। इस केस की साजिश में कबूतरा का अहम रोल है। प्रदीप पर शूटरों को शरण देने का आरोप है। उसे मुकदमे में नामजद भी किया गया था। जिसके बाद वो आजमगढ़ कोर्ट में हाजिर हो गया था। 21 मई को लखनऊ कोर्ट में पेश करने की तारीख भी है। हालांकि, पिछली 2 तारीख पर आजमगढ़ जेल प्रशासन ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उसे लखनऊ कोर्ट नहीं भेजा था।

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जेल से लड़ना चाहता था ब्लॉक प्रमुख का चुनाव
आजमगढ़ कोर्ट में हाजिर होने के बाद प्रदीप सिंह जेल से ही ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ना चाहता था। इसके लिए उसने पूरी तैयारी भी कर ली थी। लेकिन प्रशासन के दबाव के चलते उसे अपना फैसला वापस लेना पड़ा। दरअसल, प्रशासन उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी कर रहा है। , आजमगढ़ पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है। कि प्रदीप के संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। ताकि उसे जब्त किया जा सके। जेल में भी उस पर सख्ती बरती जा रही है।https://gknewslive.com

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