लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कॉलोनी बसाकर उनका आवंटन कर दिया और फिर किनारा कर लिया, इसके बाद जब लोगों ने वहां रहना शुरू किया तो उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ। हाल ये है कि कहीं लंबे समय से सड़कें नहीं बनी हैं तो कहीं नालियों का अता पता नहीं है। घरों में दूषित जल की आपूर्ति की जा रही है, मेनहोल खुले हैं, पार्क कूड़ा घर बन गए हैं, ऐसे में सफाई कर्मी विहीन ये इलाके खुद अपनी दुर्दशा बयां कर रहे हैं। गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम, जानकीपुरम विस्तार का भी यही हाल है। लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने इस बदहाली के मुद्दे को लेकर सीएम योगी को पत्र लिखकर शिकायत की है।
गोमती नगर इलाके में खरगापुर जाने वाली सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें बारिश का पानी भर गया है। इसकी वजह से लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। यह योजनाएं एलडीए के अंतर्गत आती हैं। ये सभी योजनाएं नगर निगम की सीमा में शामिल तो हो गयीं हैं पर हस्तांतरित नहीं हुई हैं। इन क्षेत्रों में खरगापुर, मखदुमपुर सहित कई अन्य कॉलोनियां भी हैं, जो निजी बिल्डरों द्वारा विकसित की गई, लेकिन इन कॉलोनियों में विकास के नाम पर कोई भी काम नहीं हुआ। यहां न तो नालियां हैं, न सड़क ही चलने लायक है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि नगर निगम एलडीए द्वारा कॉलोनी हैंडओवर न होने की बात कहकर अपना पल्ला तो झाड़ लेता है। लेकिन टैक्स लेना नहीं भूलता है। नगर निगम और एलडीए दफ्तरों में प्रार्थना पत्र देते-देते थक गए हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंगती है।
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लखनऊ जनकल्याण समिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि जिन कॉलोनियों को एलडीए ने विकसित किया, वहां भी नालियां या सड़के ध्वस्त हैं। शहर से सटे इन मोहल्लों में विकास और सुविधाओं का टोटा है। यहां विकास का कार्य न तो नगर निगम करता है न ही एलडीए। दोनों विभाग एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर स्थानीय लोगों को समस्याओं के बीच छोड़ चुके हैं। समिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जनहित में गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम एवं जानकीपुरम विस्तार की उन सभी मुख्य सड़कों को जो 18 मीटर या उससे अधिक चौड़ी हैं, उनका अनुरक्षण कार्य लोक निर्माण विभाग को हस्तगत करने की मांग की है।