UP: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गंगा का पानी प्राथमिक गुणवत्ता के मानकों के अनुसार स्नान करने योग्य नहीं है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता शिवपाल सिंह यादव ने योगी और BJP सरकार पर निशाना साधा है।
शिवपाल यादव का योगी सरकार पर हमला:-
शिवपाल यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “महाकुंभ में गंगा स्नान से पहले पानी को शुद्ध करने के सरकारी दावे बेनकाब हो गए! CPCB रिपोर्ट के अनुसार, पानी में फीकल बैक्टीरिया तय सीमा से अधिक है। अब भक्त सोच रहे हैं – यह ‘डबल इंजन सरकार’ है या ‘डबल इंफेक्शन सरकार’?”
महा कुंभ में गंगा स्नान से पहले पानी शुद्ध करने के सरकारी दावों की पोल खुल गई! CPCB रिपोर्ट कहती है कि पानी में फ़ीकल बैक्टीरिया तय सीमा से ज़्यादा है।
अब भक्त सोच रहे हैं – ये “डबल इंजन सरकार” है या “डबल इंफेक्शन सरकार”?#गंगा_मैली_फिर_से #महा_कुंभ #सरकार_सो_रही pic.twitter.com/uZicXbFvMq
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) February 19, 2025
CPCB की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
CPCB ने सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को गंगा-यमुना के जल की गुणवत्ता पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया गया कि, महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे नदियों का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज में विभिन्न स्थानों पर लिए गए नमूनों में पानी का स्तर स्नान करने योग्य नहीं पाया गया।
विधानसभा में गूंज सकता है मामला:-
इस रिपोर्ट के बाद यूपी विधानसभा में इस मुद्दे पर बड़ा हंगामा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करेगी। इससे पहले मंगलवार को भी सपा विधायकों ने महाकुंभ की अव्यवस्थाओं और भगदड़ में हुई मौतों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे। शिवपाल यादव ने तो महाकुंभ के नाम पर सरकारी धन के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।
महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल:-
CPCB की रिपोर्ट आने के बाद महाकुंभ में गंगा की शुद्धता को लेकर सरकार के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार ने पहले ही गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े दावे किए थे, लेकिन रिपोर्ट ने इन दावों की पोल खोल दी है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर हमलावर है, जबकि सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में नजर आ रही है।