Life imprisonment to Sajjan Kumar: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन्हें 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने 12 फरवरी को उन्हें दंगा, गैरकानूनी सभा और हत्या से जुड़े विभिन्न अपराधों का दोषी पाया था।
नानावटी आयोग की रिपोर्ट और सिख विरोधी दंगे:-
1984 के दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इन दंगों से संबंधित 587 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इन दंगों में 2,733 लोगों की जान गई थी। इनमें से 240 मामले पुलिस ने अज्ञात बताकर बंद कर दिए, जबकि 250 मामलों में आरोपी बरी हो गए। कुल 587 मामलों में केवल 28 मामलों में दोषसिद्धि हुई, जिसमें लगभग 400 लोगों को सजा दी गई। सज्जन कुमार समेत लगभग 50 लोगों को हत्या का दोषी ठहराया गया। उन पर पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या का भी आरोप था। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी, जिसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
सिख संगठनों की प्रतिक्रिया:-
“मौत की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं” – गुरलाद सिंह। सिख नेता गुरलाद सिंह ने कहा कि वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और सरकार से मांग करेंगे कि हाईकोर्ट में अपील कर सज्जन कुमार को फांसी की सजा दिलाई जाए। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि, इस मामले को दोबारा खोलने और एसआईटी गठित करने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा, “यह मामले 35 साल से बंद थे और सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमल नाथ जैसे लोग खुलेआम घूम रहे थे। अब जगदीश टाइटलर और कमल नाथ की भी जांच होनी चाहिए।”
80 साल की उम्र के कारण फांसी नहीं – एच.एस. फूल्का
एडवोकेट एच.एस. फूल्का ने कहा कि “दो आजीवन कारावास की सजा भी एक बड़ा फैसला है।” उन्होंने बताया कि जज ने अपने फैसले में लिखा है कि सज्जन कुमार की उम्र 80 साल होने और उनकी खराब सेहत को देखते हुए उन्हें फांसी नहीं दी गई।
महत्वपूर्ण घटनाक्रम:-
1991: मामले में एफआईआर दर्ज
1994: अदालत ने सबूतों की कमी बताई
2015: सरकार ने एसआईटी का गठन किया
2016: एसआईटी ने मामले में आगे जांच की जरूरत बताई
2021: सज्जन कुमार की गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल
2024: कोर्ट ने अंतिम दलीलें सुनीं
12 फरवरी, 2025: कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया
25 फरवरी, 2025: कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई